कब चुना जाएगा बीजेपी का नया अध्यक्ष, कहां अटकी बात?...जानें इस रिपोर्ट में
भाजपा के संविधान के अनुसार पार्टी को अपनी कम से कम आधी राज्य इकाइयों में संगठनात्मक चुनाव पूरा करना होगा, जिसका अर्थ है कि नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया शुरू होने से पहले केंद्र शासित प्रदेशों सहित कम से कम 19 राज्यों में नए अध्यक्ष नियुक्त हो जाने चाहिए.

भाजपा अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव का रास्ता साफ करने के लिए आने वाले दिनों में कई प्रमुख राज्यों में अपने प्रमुखों का चुनाव करने की योजना बना रही है, यह प्रक्रिया उम्मीद से ज्यादा लंबी हो गई है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पार्टी नेतृत्व उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और कर्नाटक जैसे बड़े राज्यों में अपने अध्यक्षों का शीघ्र चुनाव कराना चाहता है, ताकि संगठनात्मक कवायद पूरी की जा सके, जिसकी शुरुआत पिछले साल सितंबर में राष्ट्रव्यापी सदस्यता अभियान के शुभारंभ के साथ हुई थी.
भाजपा के संविधान के अनुसार पार्टी को अपनी कम से कम आधी राज्य इकाइयों में संगठनात्मक चुनाव पूरा करना होगा, जिसका अर्थ है कि नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया शुरू होने से पहले केंद्र शासित प्रदेशों सहित कम से कम 19 राज्यों में नए अध्यक्ष नियुक्त हो जाने चाहिए.
भाजपा के कुल 37 संगठनात्मक राज्य हैं
पिछले साल सितंबर में जब पार्टी का सदस्यता अभियान शुरू हुआ था, तो मोटे तौर पर यह माना जा रहा था कि मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा के स्थान पर नए अध्यक्ष का चुनाव इस साल जनवरी-फरवरी तक हो जाएगा. हालांकि, कई बड़े राज्यों में पार्टी अध्यक्षों के चुनाव में देरी के कारण और पार्टी आम सहमति बनाने और आरएसएस जैसे अपने वैचारिक सहयोगियों को विश्वास में लेने की कोशिश कर रही है, यह प्रक्रिया कई सप्ताह पीछे चली गई है.
उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भाजपा क्रमशः भूपेंद्र सिंह और वीडी शर्मा की जगह नए चेहरे को चुनने की ओर अग्रसर है, जबकि कर्नाटक में वह बीवाई विजयेंद्र को पद पर बने रहने की अनुमति दे सकती है. भूपेंद्र सिंह करीब तीन साल से इस पद पर हैं, शर्मा पांच साल से अधिक समय से और विजयेंद्र को नवंबर 2023 में नियुक्त किया गया था. गुजरात, ओडिशा और पंजाब जैसे कई अन्य राज्य हैं जहां भाजपा ने अभी तक अपने नए अध्यक्षों का चुनाव नहीं किया है.
लोकसभा में अखिलेश यादव ने किया कटाक्ष
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल ही में लोकसभा में भाजपा द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की जारी कवायद को लेकर उस पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि भाजपा भारत में सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करती है लेकिन अभी तक उसने अपने नेता पर फैसला नहीं किया है.
गृह मंत्री अमित शाह ने तुरंत जवाब दिया, "कुछ पार्टियों में, एक परिवार के केवल पांच सदस्यों को अध्यक्ष चुनना होता है, इसलिए यह आसान और त्वरित होता है, लेकिन हमें एक ऐसी प्रक्रिया के बाद (अध्यक्ष का) चुनाव करना होता है जिसमें करोड़ों सदस्य शामिल होते हैं, इसलिए इसमें समय लगता है."