Independence Day 2023: जब आजादी का जश्न मना रहा था देश, तब कहां थे महात्मा गांधी?
Independence Day 2023: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी 13 अगस्त, 1947 को कलकत्ता चले गए थे और यहां पर सांप्रदायिक दंगो को शांत कराने के लिए आमरण अनशन शुरू कर दिया था
Independence Day 2023: भारत का स्वतंत्रता दिवस हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है. क्योंकि सन् 1947 में इसी दिन भारत के निवासियों ने अंग्रेजों से स्वतंत्रता प्राप्त की थी. यह भारत का राष्ट्रीय त्यौहार के रूप में मनाया जाता है. यह दिन भारत के लिए बेहद खास है. 14-15 अगस्त की दरमियानी रात को सारा देश आजादी का उत्सव मना रहा था, लेकिन इस बीच एक ऐसे शख्स भी थे, जो आजादी के इस जश्न से बहुत दूर चले गए थे. जी हम बात कर रहे हैं महात्मा गांधी (बापू जी) की. बहुत कम लोगों को ही ये पाता होगा कि देश की आजादी में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले बापू आजादी के जश्न में हिस्सा नहीं लिए थे.
15 अगस्त के पहले भारत को विभाजन की पीड़ा देखने को मिली, जिसके कारण से कई स्थानों पर दंगे शुरू हो गए थे. तब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि 'मैं 15 अगस्त पर जश्न नहीं मना सकता. मैं आप लोगों को धोखा नहीं देना चाहता. मगर इसके साथ ही मैं ये नहीं कहूंगा कि आप भी जश्न ना मनाएं. उन्होंने आगे कहा था कि मेरे लिए आजादी की घोषणा की तुलना में हिंदू-मुस्लिमों के बीच शांति अधिक महत्वपूर्ण है'. इसके बाद वो आजादी के जश्न को छोड़कर दंगों को शांत कराने कलकत्ता चले गए थे.
महात्मा गांधी ने कोलकत्ता में किया था आमरण अमशन
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी 13 अगस्त, 1947 को कलकत्ता चले गए थे और यहां पर सांप्रदायिक दंगो को शांत कराने के लिए आमरण अनशन शुरू कर दिया था. बापू करीब 25 दिन तक यहां रहे और 4 सितंबर को दंगे रुकने के बाद दिल्ली वापस आए.
देश को आजाद करने के लिए महात्मा गांधी का महत्वपूर्ण योगदान रहा. उन्होंने बिना हथियार उठाए देश की आजादी के लिए लंबी लड़ाई लड़ी और देश को आजादी दिलाई.