Jagdeep Dhankhar Speech: पीएम मोदी की शान में कसीदे पढ़ते-पढ़ते महात्मा गांधी से कर दी तुलना, उपराष्ट्रपति धनखड़ को कांग्रेस ने घेरा

Jagdeep Dhankhar Speech: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार यानी 27 नवंबर को जैन विचारक श्रीमद राजचंद्रजी की जयंती समारोह में कहा कि देश के विकास को पचा न पाने वाली ताकतें एक साथ आ रही हैं.

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Jagdeep Dhankhar Speech: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने प्रधानमंत्री मोदी की तुलना महात्मा गांधी से की है. जिसके बाद से वो कांग्रेस के निशाने पर आ गए हैं. धनखड़ ने महात्मा गांधी को पिछली शताब्दी का महापुरुष बताया तो वहीं पीएम मोदी को वर्तमान शताब्दी का युगपुरुष बताया. विपक्षी नेताओं समेत कई लोग उन्हें इसी बयान को लेकर घेरते दिखाई दे रहे हैं. कई लोगों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. वहीं, कांग्रेस के एक सांसद ने धनखड़ के इस बयान को शर्मनाक बताया है.

"महात्मा गांधी महापुरुष, पीएम मोदी युगपुरुष"
उपराष्ट्रपति ने 27 नवंबर को मुंबई में आत्मकल्याण दिवस पर अयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया था. जहां जगदीप धनखड़ ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कुछ ऐसा कह दिया कि सुर्खियों में आ गए. धनखड़ ने कहा,“मैं आपको एक बात कहना चाहूंगा, पिछली शताब्दी के महापुरुष महात्मा गांधी थे, इस शताब्दी के युगपुरुष नरेंद्र मोदी हैं. महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा से हमें अंग्रेजों की गुलामी से छुटकारा दिलाया. भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश को प्रगति के उस रास्ते पर डाल दिया है, जिस पर हम सदैव देखना चाहते थे.”

उपराष्ट्रपति ने पीएम मोदी के नेतृत्व में चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान और संसद में पास किए गए महिला आरक्षण बिल का भी जिक्र किया. उन्होंने आगे कहा कि अगर आज महात्मा गांधी जिंदा होते तो वे भी इन कार्यक्रमों की सराहना करते.

तमिलनाडु के सांसद ने किया बयान का विरोध
उपराष्ट्रपति के इस बयान को उनके आधिकारिक हैंडल से ट्वीट किया गया है. इस पर कई लोगों ने कमेंट कर धनखड़ की आलोचना करते हुए उन्हें रीढ़विहीन बताया है. तमिलनाडु के शिवगंगा से कांग्रेस के सांसद मणिकम टैगोर ने ट्वीट कर धनखड़ के बयान की आलोचना की है.

सांसद मणिकम टैगोर ने लिखा, “सर अगर आप महात्मा गांधी से पीएम मोदी की तुलना करते हैं तो यह शर्मनाक है. सबको पता है कि चापलूसी की एक सीमा होती है लेकिन आपके बयान से लग रहा है कि आप उस सीमा को पार कर चुके हैं. एक चापलूस बनकर रहने से पद की गरिमा का कोई सम्मान नहीं बढ़ता.” First Updated : Tuesday, 28 November 2023