रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कट्टर आलोचक और प्रमुख विपक्षी नेता एलेक्सी अनातोलीविच नवलनी की शुक्रवार को जेल में मौत हो गई. इसकी पुष्टि जेल प्रशासन ने की. नवलनी कुछ मामले में जेल की सजा काट रहे थे. जेल प्रशासन के मुताबिक नवलनी कथित तौर पर बीमार पड़ गए और जेल परिसर में टहलने के दौरान गिरे और उसके चलते उनकी मौत हो गई. इसके पहले जेल में नवलनी को जहर देकर मारने का प्रयास हुआ था.
47 वर्षीय एलेक्सी नवलनी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रबल विरोधियों में से एक थे. नवलनी आर्कटिक सर्कल के उत्तर की एक जेल में सजा काट रहे थे, उनको अतिवाद के एक मामले में 19 साल की सख्त सजा सुनाई गई थी. फिलहाल एलेक्सी के समर्थक मौत को हत्या बना रहे हैं. आगे रूस की राजनीति पर इसका क्या असर होगा इसके बारे में समय के साथ पता चलेगा.
नवलनी की अचानक मौत से जेल प्रशासन के अधिकारियों से पूछताछ शुरू हो गई है. उनका एक वाडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा है, जिसमें वह 15 फरवरी को कोर्ट के साममे वीडियो सुनवाई के दौरान फिच दिख रहे हैं.
47 साल के एलेक्सी नवलनी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रबल विरोधियों में से एक थे. नवलनी आर्कटिक सर्कल के उत्तर की एक जेल में सजा काट रहे थे, उनको अतिवाद के एक मामले में 19 साल की सख्त सजा सुनाई गई थी. साथ ही रूस की कठिन जेल में रखने का आदेश दिया गया था. पेशे से वकील, नवलनी रूसी राजनीति में एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में उभरे थे. उन्होंने भ्रष्टाचार विरोधी पहल और राजनीतिक सुधारों की वकालत की. उन्होंने एंटी-करप्शन फाउंडेशन की स्थापना की और रूस ऑफ द फ़्यूचर पार्टी का नेतृत्व किया. नवलनी की सक्रियता सरकार विरोधी प्रदर्शन आयोजित करने और राष्ट्रपति पुतिन के अधिकार को चुनौती देने तक फैली हुई थी.
मानवाधिकारों के प्रति नवलनी की अटूट प्रतिबद्धता ने उन्हें विश्व स्तर पर पहचान दिलाई. भ्रष्टाचार को उजागर करने और राजनीतिक पारदर्शिता की वकालत करने के उनके अथक प्रयासों के लिए उन्हें सखारोव पुरस्कार से सम्मानित किया गया. नवलनी और उनकी टीम ने अपने विभिन्न मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से रूस में सरकारी भ्रष्टाचार, चुनावी धोखाधड़ी और मानवाधिकार उल्लंघन पर प्रकाश डाला था. उनके अभियानों और खोजी रिपोर्टों ने व्यापक ध्यान आकर्षित किया, जिसने 2011-2012 के रूसी विरोध प्रदर्शनों में महत्वपूर्ण योगदान दिया.
साल 2020 में जेल में नवलनी को जहर देकर मारने का प्रयास किया गया था. उन्हें कथित तौर पर रूस के एफएसबी सुरक्षा बल द्वारा नोविचोक जहर दिया गया था. जर्मनी में गहन चिकित्सा उपचार के बाद, वह ठीक हो गए और जनवरी 2021 में रूस लौट आए थे. लेकिन पैरोल शर्तों का उल्लंघन करने के लिए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. First Updated : Friday, 16 February 2024