कौन हैं अरुण गोयल जिनकी नियुक्ति और इस्तीफ़े ने सरकार की नाक में कर दिया दम?
Arun Goayal: अरुण गोयल के चुनाव आयुक्त के पद से इस्तीफ़ा देने के बाद केंद्र सरकार एक बार फिर घेरे में आ गई है. जानिए आख़िर क्या है पूरा मामला
Election Commissioner Arun Goyal: लोकसभा चुनाव से महज़ कुछ दिन पहले ही चुनाव आयुक्त अरुण गोयल (Arun Goyal) के इस्तीफ़े ने सभी को हैरान कर दिया. साथ ही सियासी गलियारों में बहस के लिए एक और मुद्दा मिल गया है. अरुण गोयल ने शुक्रवार को अचानक इस्तीफ़ा दे दिया और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी उनके इस्तीफ़े को क़बूल कर लिया है. इस मामले पर विपक्षी पार्टियाँ भाजपा पर जमकर हमला बोल रही हैं.
कौन हैं अरुण गोयल?
अरुण गोयल पंजाब कैडर के 1985-बैच के IAS अफ़सर थे. 18 नवंबर 2022 को उन्होंने स्वैच्छिक रिटायरमेंट लेली थी और एक दिन बाद ही उन्हें चुनाव आयुक्त के पद पर बिठा दिया गया. अरुण गोयल की नियुक्ति पर विपक्षी पार्टियों ने कई सवाल खड़े किए थे. यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट में उनकी नियुक्ति को चैलेंज किया गया था. जिसपर सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा था कि आख़िरकार इतनी क्या जल्दी थी कि महज़ 24 घटों के अंदर नियुक्ति कर दी गई.
काफ़ी पढ़े लिखे हैं अरुण गोयल:
अरुण गोयल का जन्म 7 दिसंबर 1962 को पंजाब के पटियाला में हुआ था. अरुण गोयल काफ़ी होनहार छात्र रहे हैं. उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी में सभी सब्जेक्ट्स में टॉप करने का रिकॉर्ड अपने नाम किया था. अरुण योगी ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के चर्चिल कॉलेज में और अमेरिका की मशहूर यूनिवर्सिटी हार्वर्ड के जॉन एफ कैनेडी स्कूल से भी शिक्षा हासिल की है.
नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट ने की थी सख़्त टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर भी हैरानी ज़ाहिर की थी कि कैसे अरुण गोयल का फाइल इतनी जल्दी बाज़ी में सारे विभागों से पास हो गई? अदालत ने यह भी कहा था कि चुनाव की शुचिता को ज़िंदा रखने के लिए कुछ कदम उठाए जाएँ. नहीं तो इसके संगीन नतीजे भुगतने होंगे. लगातार चुनावी प्रक्रिया का ग़लत इस्तेमाल लोकतंत्र की कब्र खोदने जैसा है. सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को काफ़ी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था और विपक्ष के भी तरह-तरह के आरोप झेलने पड़े थे.
क्या बोली कांग्रेस?
अब उनके इस्तीफ़े के बाद एक बार फिर विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. कांग्रेस ने अरुण गोयल के इस्तीफ़े को लेकर कहा है कि क्या उन्होंने सच में निजी कारणों से इस्तीफ़ा दिया है. या फिर उन्हें भी कलकत्ता हाई कोर्ट के जज की तरह चुनाव लड़वाने का इरादा है. कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा कि मैं हाई कोर्ट के जज अभिजीत गंगोपाध्याय के बारे में सोच रहा हूँ जिन्होंने अपने पद से इस्तीफ़ा दिया और फिर भाजपा ज्वाइन करते ही टीएमसी को गाली देने शुरू कर दी है.
AAP ने भी किया हमला:
इसके अलावा आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी चुनाव आयुक्त के इस्तीफ़े पर सरकार को घेरा है. दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा कि एक ऐसा चुनाव आयुक्त जिसने जिसे सरकार ने ही बड़ी जल्दबाज़ी में नियुक्त किया था. यहां तक कि सरकार ने उसकी नियुक्ति का सुप्रीम कोर्ट में बचाव भी किया और फिर वही अफ़सर अचानक इस्तीफ़ा दे दे तो पूरा देश सवाल ज़रूर पूछेगा. आतिशी ने कहा कि आख़िर सरकार की तरफ़ से उन्हें चुनाव में ऐसा क्या करने के लिए कह दिया गय था कि उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया और इस्तीफ़ा देना बेहतर कर दिया.