Who is Champai Soren: कौन हैं चंपई सोरेन जिन्होंने झारखंड के नए मुख्यमंत्री के रूप में ली शपथ
Who is Champai Soren : चंपई सोरेन सरायकेला-खरसावां जिले के दूरदराज के जिलिंगोरा गांव में अपने पिता के साथ खेती का काम करते हैं. खेतों में बैल से हल चलाकर अनाज उगाते थे. उनकी सामाजिक कार्यों में रुचि थी इसके बाद वह राजनीति में आए.
झारखंड में हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद आखिरकार झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के विधायक दल के नेता चंपई सोरेन ने आखिरकार आज शुक्रवार को झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली. उनके साथ कांग्रेस पार्टी के आलमगीर आलम और राजद के सत्यानंद भोक्ता ने भी मंत्री के रूप में शपथ ली. चंपई सोरेन को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने गुरुवार को मुख्यमंत्री मनोनीत किया था. अब लोगों के मन में सवाल यह है कि आखिर चंपई सोरेन कौन हैं, जो झारखंड के नए मुख्यमंत्री बने हैं. तो आइए आपको हम इसका जवाब देते हैं.
कौन हैं चंपई सोरेन?
चंपई सोरेन सरायकेला-खरसावां जिले के दूरदराज के जिलिंगोरा गांव में अपने पिता के साथ खेती का काम करते हैं. खेतों में बैल से हल चलाकर अनाज उगाते थे. उनकी सामाजिक कार्यों में रुचि थी. झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष सीबू सोरेन के संपर्क में आने के बाद साल 1990 के दशक में अलग झारखंड राज्य के निर्माण की लड़ाई लड़ी. चंपई को अलग राज्य की लड़ाई में योगदान के लिए "झारखंड के टाइगर" के रूप में जाना जाता है. वह झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन के वफादार माने जाते हैं. सीएम पद की शपथ लेने से पहले चंपई सोरेन ने शिबू सोरेन से मुलाकात की. कहा कि गुरुजी हमारे आदर्श हैं, शपथ लेने से पहले हम गुरुजी और माताजी (रूपी सोरेन) से आशीर्वाद लेने आए थे. मैं झारखंड आंदोलन से जुड़ा था और मैं उनका शिष्य हूं.
कैसा रहा राजनीतिक सफर
सरकारी स्कूल से मैट्रिक पास चंपई की कम उम्र में शादी हो गई और उनके चार बेटे और तीन बेटियां हैं.साल 1991 में वह सरायकेला सीट में उपचुनाव लड़े, जिसमें वह निर्दलीय विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे. यहां से चंपई सोरेन का राजनीतिक कैरियर शुरू हुआ. साल 1995 में, उन्होंने झामुमो के टिकट पर सीट से चुनाव लड़ा और भाजपा के पंचू टुडू को हराया. साल 2000 के विधानसभा चुनाव में, वह उसी निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के अनंत राम टुडू से हार गये. 2005 के बाद से चंपई इस सीट से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं. उन्होंने सितंबर 2010 से जनवरी 2013 के बीच अर्जुन मुंडा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य किया है. जब 2019 में राज्य में हेमंत सोरेन की सरकार बनी, तो चंपई सोरेन खाद्य और नागरिक आपूर्ति और परिवहन मंत्री बने.
हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद बदले समीकरण
झारखंड में झामुमो विधायक दल के नेता चंपई सोरेन ने राज्यपाल से जल्द से जल्द सरकार बनाने के उनके दावे को स्वीकार करने का आग्रह किया था, क्योंकि राज्य में ‘भ्रम’की स्थिति बनी हुई थी. यह स्थिति बुधवार को हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद से राज्य में मुख्यमंत्री न होने की वजह से थी और इसके कारण राजनीतिक संकट गहरा गया था.
बहुमत साबित करने के लिए 10 दिन का समय
प्रदेश कांग्रेस प्रमुख राजेश ठाकुर ने कहा कि चंपई सोरेन को अपनी सरकार का बहुमत साबित करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया है. कांग्रेस राज्य में झामुमो-नीत गठबंधन की सहयोगी पार्टी है. इससे पहले चंपई सोरेन ने कहा था कि हम एकजुट हैं. हमारा गठबंधन मजबूत है, इसे कोई तोड़ नहीं सकता.