Dr Mohan Yadav Profile : डॉ. मोहन यादव मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. वह मध्यप्रदेश कुश्ती एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष हैं. उनके पास मध्यप्रदेश ओलम्पिक संघ का प्रदेश उपाध्यक्ष का पद भी है. मोहन यादव उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट से विधायक हैं. उन्होंने अपने प्रतिद्वदी को 13 हजार से अधिक वोटों से हराया था. डॉ. मोहन यादव को मध्यप्रदेश में मंत्री पद तक पहुंचने के लिए 41 साल का समय लगा. यादव ने उन्होंने माधव विज्ञान महाविद्यालय उज्जैन से छात्र राजनीति की शुरुआत की थी. पार्टी में कई पदों पर रहने के बाद सरकार में उन्हें मंत्री बनने का मौका मिला था.
1982 में वे माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के सह-सचिव और 1984 में छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे हैं. यादव ने 1984 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री और 1986 में विभाग प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली. साल 1988 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मध्यप्रदेश के प्रदेश सहमंत्री और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी रहे. 1989-90 में परिषद की प्रदेश इकाई के प्रदेश मंत्री और सन 1991-92 में परिषद के राष्ट्रीय मंत्री रह चुके हैं. 1993-95 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, उज्जैन नगर के सह खंड कार्यवाह, सायं भाग नगर कार्यवाह और 1996 में खण्ड कार्यवाह और नगर कार्यवाह रहे चुके हैं.
संघ में सक्रियता की वजह से मोहन यादव 1997 में भाजयुमो प्रदेश समिति में अपनी जगह बनाई. 1998 में उन्हें पश्चिम रेलवे बोर्ड की सलाहकार समिति का सदस्य बनाया गया. इसके बाद उन्होंने बीजेपी संगठन में रहकर अलग-अलग पदों पर काम किया. 2004-2010 के बीच यादव उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष (राज्यमंत्री दर्जा) रहें. 2011-2013 में मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम, भोपाल के अध्यक्ष (कैबिनेट मंत्री दर्जा) बने.
मोहन यादव पहली बार 2013 में विधायक बने. 2018 में फिर पार्टी ने उन पर भरोसा किया और वह चुनाव जीतने में सफल रहे. 2020 में जब बीजेपी की सरकार बनी तो मोहन यादव मंत्री बने.
डॉ. मोहन यादव का जन्म 25 मार्च 1965 उज्जैन जिले में हुआ था. उनके पिता का नाम पूनमचंद यादव है. मोहन यादव के 2 बेटे और 1 बेटी हैं. मोहन यादव ने पीएचडी का डिग्री ली है. इसके साथ ही एमबीए और एलएलबी भी किया है. मोहन यादव कारोबार और कृषि क्षेत्र से भी जुड़े हैं.
साल 2020 में चुनाव आयोग ने मोहन यादव को असंयमित भाषा के लिए नोटिस दिया था. एक दिन के लिए चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध भी लगा दिया था. वहीं 2021 में मोहन यादव उस समय विवाद का हिस्सा बन गए, जब उच्च शिक्षा विभाग ने एक कानून जारी किया, जिसमें कहा गया कि यदि किसी छात्र के खिलाफ आपराधिक रिकॉर्ड है तो उसे कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कई और भी विवादित बयान दिए हैं, जिनकी वजह से पार्टी असहज हो गई थी. First Updated : Monday, 11 December 2023