Who Is Firaun: मुख्तार की मौत पर ओवैसी ने जिसका जिक्र किया, पढ़िए उस फिरौन की कहानी

Who Is Firaun: मुख्तार अंसारी की मौत काफी चर्चा में हैं, कई नेता लगातार इस पर प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. हाल ही में ओवैसी ने इस मामले में फिरौन और मूसा का जिक्र किया है.

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Who Is Firaun: AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी रविवार (31 मार्च, 2024) को मुख्तार अंसारी के परिवार से मिले. जहां पर उन्होंने मुख्तार की मौत पर कई सवाल उठाए. इस मुलाकात के बाद ओवैसी ने एक्स पर लिखा कि ''इंशा अल्लाह इन अंधेरों का जिगर चीरकर नूर आएगा, तुम हो 'फिरौन' तो 'मूसा' भी जरूर आएगा.'' अब सवाल ये उठता है कि जिस फिरौन का जिक्र ओवैसी ने इस मामले में किया है वो आखिर कौन है? 

कौन है फिरौन?

फिरौन एक राजा था जो मिस्र में शासन करता था. वह मिस्र के प्राचीनतम शासकों में से एक था, जिसको बुरे कामों के लिए जाना जाता है. फिरौन की बात करें तो फिरौन (फिरौन) शब्द का प्रयोग कॉप्ट (मूल मिस्रवासी) के प्राचीन शासकों के लिए किया जाता है जो मुख्य रूप से आधुनिक मिस्र में रहते थे. फिरौन के लिए एक भविष्यवाणी की गई थी, जिसमें कहा गया कि एक इस्राएली फिरौन की मौत का कारण बनेगा. खुद को बचाने के लिए, फिरौन ने आदेश दिया कि हर दूसरे वर्ष सभी इस्राएली बच्चों को मार दिया जाए.''

मूसा के जन्म से शुरू हुई कहानी 

फिरौन की मौत की वजह पैगंबर मूसा बने, जानकारी के मुताबिक, जिस साल पैगंबर मूसा का जन्म हुआ, फिरौन के आदेश के अनुसार बच्चों को मार दिया जाना तय था. हालांकि, ईश्वर की एक अलग योजना थी, क्योंकि मूसा की मां को ईश्वर ने उसे नील नदी में बहा देने के लिए कहा था ताकि उसे मारने से बचाया जा सके. जैसा कि उनकी किस्मत में था. फिरौन की पत्नी ने मूसा को एक टोकरी में तैरते हुए पाया और उसे अपने पास रखने का फैसला किया. हालांकि, बालक मूसा ने किसी दूसरी महिला का स्तनपान नहीं किया. इससे उसकी अपनी मां को बुलाने का रास्ता खुल गया, उनकी माता नर्स की आड़ में महल में दाखिल हुआ करती थी. 

मूसा बने पैगंबर 

मूसा जब बड़े हो गए और ईश्वर ने उन्हें पैगंबर बना दिया. धीरे धीरे कई ऐसी घटनाएं हुईं जिसकी वजह से फिरौन को उनके बारे में शक होने लगा. बाद में, उन्हें ईश्वर से एक जादुई छड़ी मूसा को दी गई. ऐसे ही वो अपने काम करते रहे, इसी बीच वो फिरौन के पास गए और उनसे ईश्वर को मानने के लिए कहा जिससे फिरौन ने इनकार कर दिया. फिरौन ने उसे नबी न समझा और सबूत मांगा. मूसा ने अपनी लाठी ज़मीन पर दे मारी जो सांप में बदल गई. फिरौन ने यह सोचकर अपने जादूगरों को बुलाया कि वे मूसा को दिखावा करने वाले के रूप में बेनकाब कर देगा. लेकिन जब जादूगरों ने अपना सांप निकाला, तो उन्हें मूसा के सांप ने निगल लिया.

पानी में समा गया फिरौन

इस मामले के बाद मूसा को मानने वालों में काफी बढ़ोत्तरी हुई, फिर भी फिरौन ने ईश्वर एक वाली आस्था के रूप में स्वीकार करने से इनकार कर दिया. मूसा ने कई बार फिरौन को सुधरने का मौका दिया, लेकिन वो नहीं समझा तो मूसा ने ईश्वर से उनको सजा देने की दुआ की. जिसके बाद उसे कई बार तरह-तरह के अजाब का सामना भी करना पड़ा. आखिर में एक वक्त ऐसा कि फिरौन से परेशान होकर हजरत मूसा ने वह जमीन छोड़ने का फैसला कर लिया और वो अपने लोगों के साथ वहां निकल पड़े. जैसे ही यह बात फिरौन को पता लगी तो वो एक बड़े लश्कर के साथ मूसा का पीछा करने निकल पड़ा. 

मूसा नील नदी के किनारे तक ही पहुंचे थे कि उन्हें पीछे से आने वाले फिरौन के बारे में पता चला. इसके बाद मूसा के मानने वाले परेशान हो गए और कहने लगे कि हम तो पकड़े गए. लेकिन मूसा नदी पर अपनी लाठी मारते हैं और पानी दो हिस्सों में बंटकर मूसा और उनके साथियों को रास्ता दे देता है. लेकिन जैसे ही फिरौन उस रास्ते मूसा का पीछे जाता है तो पानी फिर से अपनी जगह वापस आ जाता है. जिसके बाद फिरौन उसकी फौज पानी में ही डूब जाती है.

"मिस्र में आज भी रखी है फिरौन की लाश"

हैरानी की बात तो यह है कि एक लाश जो 1898 में लाल सागर समुद्र के तट मिली उसको फिरौन की लाश कहा जाता है. यह लाश तकरीबन 3000 साल पुरानी बताई जाती है. जो अभी भी मिस्र के कायरो शहर के रॉयल ममीज़ चैम्बर आफ द इजिप्टियम म्युज़ियम में रखी हुई है. इस्लाम के मानने वालों का कहना है कि फिरौन को लेकर कुरान में अल्लाह कहता है,"आज हम तुम्हारे शरीर को हमेशा के लिए महफूज रखेंगे ताकि तुम्हारे बाद इस दुनिया में आने वाले लोगों को यह पैगाम जा सके." First Updated : Monday, 01 April 2024