कौन हैं मनोज सोनी? UPSC पर सवालों के बीच रिटायरमेंट से पहले छोड़ा चेयरमैन का पद
UPSC Chairperson Manoj Soni Story: पूजा खेडकर समेत देशभर के कुछ आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति पर सवाल उठने पर यूपीएससी के चेयरमैन मनोज सोनी ने इस्तीफा दे दिया है. अपने कार्यकाल के पांच साल शेष रहते हुए सोनी के इस्तीफे से कई तरह के सवाल उठने लगे हैं. सोनी 2017 में यूपीएससी में सदस्य के रूप में शामिल हुए थे.
UPSC Chairperson Manoj Soni Story: संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी के अध्यक्ष मनोज सोनी ने पद से इस्तीफा दे दिया है. सोनी ने अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले ही राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा भेज दिया है. बताया जा रहा है कि सोनी ने निजी कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया है. उन्होंने जून के अंत में इस्तीफा दे दिया. हालांकि, इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि उनका इस्तीफा मंजूर हुआ या नहीं. लेकिन, सोनी के इस्तीफे को लेकर कई तर्क-वितर्क हो रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से जहां कुछ आईएएस अधिकारी विवादों के भंवर में फंसे हुए हैं, वहीं सोनी के इस्तीफे ने चर्चाओं को हवा दे दी है.
मनोज सोनी का कार्यकाल 2029 यानी पांच साल बाद खत्म होना था. उससे पहले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया. सोनी 2017 में यूपीएससी में सदस्य के रूप में शामिल हुए थे. 16 मई 2023 को उन्हें संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी का अध्यक्ष बनाया गया. सूत्रों के मुताबिक, सोनी गुजरात में स्वामीनारायण संप्रदाय के संगठन अनुपम मिशन को अधिक समय देंगे. जिसके चलते उन्होंने इस्तीफा दिया है.
कौन हैं मनोज सोनी
डॉ. मनोज सोनी का जन्म 17 फरवरी 1965 को मुंबई में हुआ था. जब वह पांचवी क्लास में थे, तभी उनके पिता का निधन हो गया.घर परिवार की सारी जिम्मेदारियां उनकी मां और मनोज पर आ गईं. हालात ऐसे हो गए कि परिवार के पालन पोषण और अपनी पढ़ाई के लिए उन्हें मुंबई की सड़कों पर अगरबत्ती तक बेचना पड़ा.
जीवन में किया काफी संघर्ष
आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण मनोज की मां ने मुंबई छोड़ने का फैसला किया और उनकी मां वर्ष 1978 में मुंबई से गुजरात के आणंद आ गईं. इन सारी परस्थितियों के बीच मनोज ने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी. उन्होंने आणंद शहर से ही अपनी 12 तक की पढ़ाई की. यहां भी दिलचस्प बात ये रही कि उन्होंने 12वीं साइंस की परीक्षा दी, लेकिन वह इस परीक्षा में फेल हो गए. जिसके बाद उन्होंने राज रत्न पीजी पटेल कॉलेज से आटर्स संकाय से पढ़ाई की. मनोज ने 12वीं के बाद बड़ोदरा के एमएस यूनिवर्सिटी से बीए और एमए की पढ़ाई की. इसके अलावा मनोज सोनी ने इंटरनेशनल रिलेशंस की पढ़ाई सरदार पटेल विश्वविद्यालय, वल्लभ विद्यानगर से पूरी की.
नियुक्ति पर विवाद
इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मनोज सोनी की नियुक्ति पर सवाल उठाए. राहुल ने कहा था कि सोनी को यूपीएससी का चेयरमैन बनाना संविधान विरोधी है. सोनी आरएसएस के करीबी हैं. इसीलिए उन्हें चेयरमैन बनाया गया. राहुल गांधी ने आलोचना की थी कि सोनी के अध्यक्ष बनने से संघ लोक सेवा आयोग अब संघ प्रचारक संघ आयोग बन जाएगा.
निजी कारणों से दिया इस्तीफा
इस बीच कहा जा रहा है कि सोनी के इस्तीफे का विवादित आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर मामले से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने सिर्फ निजी कारणों से इस्तीफा दिया है. सोनी तीन बार कुलपति बने. उन्हें सबसे कम उम्र के चांसलर होने का गौरव प्राप्त है. 2005 में, वह देश के सबसे कम उम्र के विश्वविद्यालय के कुलपति बने.
मनोज सोनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी बताए जाते हैं. कहा जाता है कि मोदी ने ही 2005 में सोनी को वडोदरा एमएस यूनिवर्सिटी का चांसलर नियुक्त किया था. जब सोनी को चांसलर नियुक्त किया गया तब उनकी उम्र महज 40 साल थी. संघ लोक सेवा आयोग में शामिल होने से पहले, सोनी ने तीन कार्यकालों तक गुजरात में दो विश्वविद्यालयों के चांसलर के रूप में कार्य किया.