Who is Lalduhoma : कौन हैं मिजोरम के नए सीएम लालदुहोमा, जिन्होंने IPS की नौकरी से मुख्यमंत्री तक का तय किया सफर
74 वर्षीय पूर्व आईपीएस अधिकारी लालदुहोमा की पार्टी, ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट राज्य में विधानसभा चुनाव में जीत के साथ बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है. इस सारे काम में पार्टी के लिए लालदुहोमा ने राजनीति में प्रमुख भूमिका निभाई. राजनीति में लालदुहोमा की यात्रा असाधारण है.
Who is Mizoram CM Lalduhoma: मिजोरम विधानसभा में जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM)को 27 सीटों पर जीत मिली, जबकि मिज़ो नेशनल फ्रंट (MNF)को केवल 10 सीटों पर जीत हासिल हुई है. इसके बाद आठ दिसंबर को जेडपीएम के लालदुहोमा ने राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. राज्यपाल हरि बाबू कमभमपति ने लालदुहोमा को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.
74 वर्षीय पूर्व आईपीएस अधिकारी लालदुहोमा की पार्टी, ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट राज्य में विधानसभा चुनाव में जीत के साथ बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है. इस सारे काम में पार्टी के लिए लालदुहोमा ने राजनीति में प्रमुख भूमिका निभाई. राजनीति में लालदुहोमा की यात्रा असाधारण है. एक आईपीएस अधिकारी रहे लालदुहोमा राजनीति में आए. वह कभी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के करीबी थे. गोवा कैडर के IPS रहे लालदुहोमा का मुख्यमंत्री बनने तक का सफर बेहद दिलचस्प है. गोवा कैडर से वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति तक पहुंचे हैं. इसके बाद उनको राष्ट्रीय राजधानी में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सुरक्षा का प्रभारी बनाया गया.
मिजोरम की राजनीति में ZPM के चमकने की कहानी
ZPM पहली बार 2017 में छह दलों के गठबंधन के रूप में अस्तित्व में आया था और बाद में 2019 में एक राजनीतिक दल बन गया. इस शानदार जीत के बाद कई लोग इस नए खिलाड़ी के उदय की तुलना नई दिल्ली में अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (AAP) के उदय से कर रहे थे. भले ही ZPM और AAP में कुछ समानताएं दिख रही हों लेकिन 'भ्रष्टाचार-मुक्त' राजनीतिक प्रणाली के अपने अभियान के माध्यम से दिल्ली में उभरी AAP की तरह ZPM के उभार की कहानी नहीं है.
राजनीति में कैसे हुई एंट्री ?
लालदुहोमा ने अपनी नौकरी पूरी करने के बाद राजनीति के क्षेत्र में कदम रखा. इसके बाद लालदुहोमा ने ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेड. पी. एम.) की स्थापना की. यह राजनीतिक दल आज मिजोरम के राजनीतिक परिदृश्य में एक प्रमुख दल बन गया है.
1984 में लोकसभा पहुंचे लालदुहोमा
1984 में लोकसभा का चुनाव जीतकर लालदुहोमा लोकसभा पहुंचे. हालांकि, उनके राजनीतिक सफर में एक महत्वपूर्ण चुनौती का सामना करना पड़ा. दल बदल के कारण उनको संसद की सदस्यता से हाथ धोना पड़ा. वे दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराए जाने वाले पहले संसद सदस्य बने.
दल-बदल कानून के उल्लंघन में फंसे
वर्ष 2020 में, लालदुहोमा को दल-बदल विरोधी कानून का उल्लंघन करने के लिए विधानसभा के सदस्य के रूप में अयोग्यता का सामना करना पड़ा. हालांकि, उन्होंने 2021 में सेरछिप सीट के लिए उपचुनाव जीतकर विजयी वापसी की. पिछले विधानसभा चुनावों में, लालदुहोमा जेडपीएम के नेतृत्व वाले गठबंधन के लिए मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में उभरे, मिजोरम के प्रति उनका लचीलापन और समर्पण किसी का ध्यान नहीं गया है, जिससे राज्य के राजनीतिक विमर्श में एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में उनकी स्थिति मजबूत हुई है.