कौन हैं संजय शिंदे? कभी दाऊद को हिला दिया था, अब लिया बदलापुर का 'बदला'
Who is Sanjay Shinde: महाराष्ट्र के बदलापुर में हुए कांड का बदला पूरा हो गया है. नाबालिग लड़कियों के रेप के आरोपी अक्षय शिंदे एनकाउंटर में मारा गया. पुलिस का दावा है कि जेल से बदलापुर ले जाते समय उसने गन छीनकर फायरिंग शुरू कर दी थी. अब इस एनकाउंटर के बाद मुंबई पुलिस के इंस्पेक्टर संजय शिंदे की चर्चा हो रही है. आइये जानें कौन हैं संजय शिंदे?
Who is Sanjay Shinde: महाराष्ट्र के बदलापुर में दो बच्चियों के साथ हुई दरिंदगी का आरोपी मारा गया. आरोपी अक्षय शिंदे के एनकाउंटर से बीच सनसनी फैल गई है. मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस उसे तलोजा जेल से बदलापुर लेकर जा रही थी. इसी दौरान उनसे गन छीनकर फायरिंग शुरू कर दी. जवाबी हमले में उसे भी गोली लगी और वो मारा गया. इसमें पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. इस पूरे मामले में पुलिस इंस्पेक्टर संजय शिंदे की चर्चा हो रही है. जिन्होंने इस एनकाउंटर को अंजाम तक पहुंचाया है. संजय वहीं पुलिस कर्मी हैं जिन्होंने एक समय दाऊद इब्राहिम को भी हिला दिया था.
अक्षय शिंदे पर ठाणे जिले के बदलापुर कस्बे के स्कूल में दो नाबालिग लड़कियों का यौन शोषण का आरोप है. वो बदलापुर के स्कूल में संविदा सफाई कर्मी के रूप में काम करता है. पुलिस ने उसे 17 अगस्त को गिरफ्तार किया था. उसके एनकाउंटर के बाद अब एक बार फिर से इस मामले की चर्चा होने लगी है.
कैसे हुए एनकाउंटर?
बताया जा रहा है जब आरोपी ने फायरिंग शुरू की तो पुलिस इंस्पेक्टर संजय शिंदे ने उसे काबू में करने की कोशिश की थी. हालांकि, बाद में उनको अपनी जान को जोखिम से बचाने के लिए गोली चलानी पड़ी. इसमें अक्षय शिंदे की मौत हो गई. अब संजय शिंदे के इतिहास पर भी चर्चा हो रही है. आइये जानें इनके बारे में...
संजय शिंदे का इतिहास
संजय शिंदे का इतिहास दिलचस्प है. उन्होंने एंटी-एक्सटॉर्शन सेल में IPS प्रदीप शर्मा के साथ काम किया है. संजय शिंदे उन अधिकारियों में है जिन्होंने गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर को गिरफ्तार करने में अहम रोल निभाया था. बता दें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा ने ने करियर के दौरान 100 से ज्यादा अपराधियों का एनकाउंटर किया है.
संजय के आसपास के विवाद
संजय शिंदे के नाम पर कुछ विवाद भी हैं. उनको एक बाद ड्यूटी से भी निकाल दिया गया था. फिर 2014 में मुंबई पुलिस में दोबारा शामिल किया गया. उनपर हत्या के आरोपी विजय पालांडे के पुलिस कस्टडी से भागने पर आरोप लगे थे. कहा जा रहा था कि उन्होंने आरोपी को भगाने में मदद की थी.