Who Is Madhabi Buch: शनिवार को एक छोटा सा ट्वीट किया और हिंडनबर्ग ने इशारा किया कि भारत में कुछ बड़ा होने वाला है. इसके साथ ही देश में चर्चा शुरू हो गई कि इस बार क्या तहलका होने वाला है. इसके बाद हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट जारी की. इस बार भी पिछली रिपोर्ट की तरह निशाने पर अडानी ही रहे. हालांकि, संस्था ने SEBI अध्यक्ष माधबी बुच को इस बार टारगेट किया. रिपोर्ट में दावा किया गया कि अडानी ग्रुप और SEBI चीफ माधबी पुरी बुच के कनेक्शन है. बुच के पास उन ऑफशोर संस्थाओं वो शेयर है जिनका उपयोग अडानी मनी सायफनिंग में हुआ है.
हिंडनबर्ग के रिपोर्ट के बाद देश में बवाल मचा हुआ है. हर कोई इसकी चर्चा कर रहा है. सेबी के साथ ही लोग सरकार को निशाने पर ले रहे हैं. विपक्ष लगातार इस पर सवाल कर रहा है. हालांकि, बुच ने इन आरोपों को नकार दिया है. आइये जानें देश विदेश में नाम रखने वाली बुच हैं कौन और इनका करियर कहां से शुरू हुआ है.
माधबी बुच उन लोगों में से हैं जो आतंकि हमले के बाद जिंदा बची हैं. बुच 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के जीवित बचे लोगों में से एक थीं. वह अपने पति के साथ ताज महल पैलेस होटल में थीं. उस समय वो यूनिलीवर की एक बैठक में भाग ले रहे थे.
माधबी बुच का जन्म 1966 में हुआ था. उनके पिता कॉर्पोरेट क्षेत्र में काम करते थे और मां राजनीति विज्ञान में शिक्षाविद थीं. 18 साल में बुच की सगाई धवल बुच से हुई जो FMCG कंपनी यूनिलीवर में निदेशक थे. 21 की हुईं तो उनकी शादी हे गई. बुच की शिक्षा फोर्ट कॉन्वेंट स्कूल, मुंबई और कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी, दिल्ली में हुई है. उन्होंने सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली से गणित में विशेषज्ञता के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की है. इसक बाद उन्होंने आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए की डिग्री प्राप्त की है.
माधबी बुच ने 1989 में आईसीआईसीआई बैंक से अपने करियर की शुरुआत की थी. 1993 से 1995 के बीच उन्होंने इंग्लैंड के वेस्ट चेशायर कॉलेज में लेक्चरर के तौर पर सेवा दी. 12 साल तक उन्होंने कई कंपनियों में काम किया. 2006 में वह आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज में शामिल हुईं. इसके बाद 2009 से मई 2011 तक उनकी सीईओ बनीं. 2011 में ग्रेटर पैसिफिक कैपिटल में शामिल हो गईं. साल 2017 तक कई कंपनियों में कार्यकारी निदेशक रहीं. इसके साथ ही उन्होंने ब्रिक्स बैंक के सलाहकार के रूप में में भी काम किया.
माधबी साल 2017 से सेबी के साथ काम कर रही हैं. वो भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड की पहली महिला अध्यक्ष हैं. 1 मार्च 2022 को, बुच को 3 साल की अवधि के लिए सेबी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. उन्होंने अजय त्यागी का स्थान लिया. इस दौरान इन्होंने कई सुधार किए और कई कंपियों के खिलाफ एक्शन लिया था.