नॉलेज : कौन होता है देश का सबसे पावरफुल सरकारी अफसर? इनको कितनी मिलती है सैलरी

कैबिनेट सचिवालय सरकार के सबसे शक्तिशाली अंग के तौर पर काम करता है. कैबिनेट सचिव (Cabinet Secretary Of India) भारत का सबसे ताकतवर नौकरशाह और प्रधानमंत्री का दायां हाथ होता है. वह प्रधानमंत्री को विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय देते हैं.

Pankaj Soni
Edited By: Pankaj Soni

कैबिनेट सचिवालय (Cabinet Secretariat) यह शब्द आपको कैबिनेट मंत्री की या इस शब्द से थोड़ी अलग लगा होगा. यह शब्द केंद्र सरकार के करीब 80 अन्य विभागों को दिए गए नाम से मिलता है. इसका कार्यालय नई दिल्ली में रायसीना की पहाड़ियों पर स्थित साउथ ब्लाक में है. यह प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से मात्र 200 गज की दूरी पर है. कैबिनेट सचिवालय सरकार के सबसे शक्तिशाली अंग के तौर पर काम करता है. कैबिनेट सचिव (Cabinet Secretary Of India) भारत का सबसे ताकतवर नौकरशाह और प्रधानमंत्री का दायां हाथ होता है. वह प्रधानमंत्री को विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय देते हैं. 

वर्तमान में कौन हैं कैबिनेट सचिव

वर्तमान में राजीव गौबा (Rajiv Gauba) कैबिनेट सचिव हैं. राजीव गौबा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे भरोसेमंद लेफ्टिनेंट हैं. इनके कंधे पर सरकार की बड़ी नीतियों की योजना बनाने और इनको लागू करने की जिम्मेदारी होती है. राजीव गौबा ने यह पद पहली बार अगस्त 2019 में संभाला था. उन्हें पहले ही दो बार सेवा विस्तार (अगस्त, 2023) मिल चुके हैं. 2024 के आम चुनाव से पहले इस पद को संभालने के लिए एक और सेवा विस्तार मिलने की उम्मीद है. बता दें कि राजीव गौबा झारखंड कैडर के 1982 बैच के आईएएस अधिकारी हैं.

वरिष्ठतम सिविल सेवक

कैबिनेट सचिव भारत सरकार का सर्वोच्च कार्यकारी अधिकारी और वरिष्ठतम सिविल सेवक होता है. कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&AW) प्रमुख सांमत गोयल के साथ जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 को लागू कराने के साथ-साथ संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. 

इस पद का निर्माण कैसे हुआ?

भारत की आजादी से पहले वायसराय की कार्यकारी परिषद में एक सचिवालय होता था, जिसका नेतृत्व वायसराय का निजी सचिव करता था. पहले इस सचिवालय की भूमिका केवल कार्यकारी परिषद से संबंधित कार्रवाई की देखभाल करने के लिए थी, लेकिन जब परिषद के तहत अलग-अलग विभागों का काम बढ़ा तो सचिवालय का काम और जटिल हो गया. निजी सचिव को सचिवालय का सचिव कहा जाने लगा. यह पद समय के साथ और अधिक शक्तिशाली हो गया और सचिवालय की मुख्य भूमिका विभागों के कार्यों का समन्वय करना बन गई. 1946 में सचिवालय कैबिनेट सचिवालय बन गया और सचिव कैबिनेट सचिव बन गया.

कैबिनेट सचिव की क्या भूमिका होती है? 

देश में बड़े संकट की स्थितियों का प्रबंधन करना और ऐसी स्थिति में विभिन्न मंत्रालयों के बीच गतिविधियों का समन्वय करना कैबिनेट सचिवालय का प्रमुख काम होता है. इसके अलावा कैबिनेट सचिवालय यह सुनिश्चित करता है कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और मंत्रियों को उनकी गतिविधियों के मासिक ब्रीफिंग की जरिए सभी विभागों की प्रमुख गतिविधियों के बारे में सूचित किया जाए. कैबिनेट सचिवालय में तीन विंग होते हैं. नागरिक, सैन्य और खुफिया. उसकी सिविल विंग ही मुख्य है, जो केंद्रीय मंत्रिमंडल को सहायता, सलाह प्रदान करता है. रॉ के प्रमुख भी कैबिनेट सचिव को रिपोर्ट करते हैं.


वेतन और सुविधाएं क्या होती हैं? 

अगर कैबिनेट सचिव के वेतन की बात करें तो इसका वेतन केंद्रीय मंत्री से लगभग दोगुना होता है. कैबिनेट सचिव का मूल वेतन 2,50000 रुपये है. इसके अलावा मंहगाई भत्ता, चिकित्सा भत्ता, यात्रा भत्ता और हाउस रेंट अलाउंस मिलाकर उन्हें 5 लाख, 60,000 रुपये वेतन के तौर पर मिलते हैं. जबकि केंद्रीय मंत्री की बात करें तो उन्हें हर महीने 1लाख रुपये मूल वेतन, इसके साथ 70,000 रुपये निर्वाचन क्षेत्र भत्ता, 60,000 रुपये कार्यालय भत्ता और 2000 रुपये सत्कार भत्ता मिलता है. ये कुल मिलाकर 2 लाख, 32,000 रुपये होते हैं. कैबिनेट सचिव का आधिकारिक आवास पृथ्वीराज रोड पर टाइप-8 बंगला है. कैबिनेट सचिव राजनयिक पासपोर्ट के लिए पात्र होते हैं.

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25 January 2024, 03:12 PM IST

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