कौन थे कर्नल मनप्रीत सिंह जिन्हें स्वतंत्रता दिवस पर मरणोपरांत कीर्ति चक्र से किया जाएगा सम्मानित

Colonel Manpreet Singh: पिछली साल सितंबर में जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में शाहिद हुए भारतीय सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह को इस स्वतंत्रता दिवस पर मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया जाएगा. कुल तीन सैन्य कर्मियों सहित कुल 4 कर्मियों को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया जाना है. जिस एनकाउंटर में तीन अफसर शहीद हुए थे, उस ऑपरेशन को कर्नल मनप्रीत के नेतृत्व में अंजाम दिया जा रहा था.

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Colonel Manpreet Singh: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में पिछले साल 13 सितंबर 2023 को आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए भारतीय सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह को इस स्वतंत्रता दिवस पर मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया जाएगा. दरअसल,  तीन सैन्य कर्मियों सहित कुल 4 कर्मियों को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया जाना है. इसके अलावा कीर्ति चक्र से सम्मानित किए जाने वालों में दो अन्य जवानों में राइफलमैन रवि कुमार और मेजर एम नायडू शामिल हैं. बता दें, कि पिछले साल जिस एनकाउंटर को अंजाम देते समय तीन अफसर शहीद हुए थे, उस ऑपरेशन को कर्नल मनप्रीत के नेतृत्व में अंजाम दिया जा रहा था.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कर्नल मनप्रीत ने ही टीम को लीड करते हुए आतंकियों पर हमला बोला था. मुठभेड़ के दौरान आतंकवादियों ने उन पर गोलीबारी की. वह गंभीर रूप से घायल होने के बाद शहीद हो गए. कर्नल मनप्रीत सिंह कमांडिंग ऑफिसर भी थे, इनके हवाले राष्ट्रीय राइफल्स की यूनिट थी.

बेटा आज भी करता है याद 

19 राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर ) यूनिट के सम्मानित कमांडिंग अफसर कर्नल मनप्रीत सिंह को जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग जिले के लार्कीपोरा, जालदूरा और कोकरनाग के सबसे अधिक आतंकवाद प्रभावित इलाकों में शानदार नायक के रूप में याद किया जाता है. उनको शहीद हुए 9 महीने हो गए हैं, लेकिन उनका 7 साल का बेटा कबीर आज भी अपने पिता को मोबाइल पर वॉइस मैसेज भेजकर उन्हें घर आने को कहता है. कबीर को लगता है उसके पिता ड्यूटी पर हैं. 

कौन थे कर्नल मनप्रीत सिंह

कर्नल मनप्रीत सिंह 19 राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) बटालियन की कमान संभाल रहे थे और  पिछले साल सितंबर में अनंतनाग में एक आतंकवाद विरोधी अभियान में शहीद हो गए, वह चार महीने में आरआर के साथ अपना कार्यकाल पूरा करने वाले थे. आरआर के साथ लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में, उन्हें 2021 में वीरता के लिए सेना पदक से सम्मानित किया गया था. चंडीगढ़ के पास पंजाब के एक छोटे से गाँव भारोनजियन के मूल निवासी, कर्नल मनप्रीत का परिवार डीएलएफ, न्यू चंडीगढ़ में रह रहा था. 

उनके परिवार में उनकी पत्नी जगमीत ग्रेवाल हैं, जो हरियाणा शिक्षा विभाग में लेक्चरर हैं और उनके दो बच्चे हैं- छह साल का बेटा और दो साल की बेटी. अधिकारी ने सेना में लगभग 17 साल की सेवा पूरी कर ली थी. जबकि उनके पिता, जो एक पूर्व सैनिक थे, अब नहीं रहे, उनकी मां अपने बच्चों के साथ न्यू चंडीगढ़ में रह रही थीं.


First Updated : Wednesday, 14 August 2024