Sukhdev Gogamedi Murder: कौन थे सुखदेव सिंह गोगामेड़ी, जानिए अबतक की पूरी कहानी

Sukhdev Gogamedi Murder: करणी सेना के प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की गोली मारकर हत्या करने वाले दो शूटर्स- नितिन फौजी और रोहित राठौड़ को पुलिस ने कैसे दबोचा, पढ़‍िए, पूरी कहानी

Sangita Jha
Edited By: Sangita Jha

हाइलाइट

  • चप्पा-चप्पा ढूंढकर पुलिस ने खोजे निकाले करणी सेना चीफ के हत्‍यारे
  • राजस्‍थान से आया वो फोन कॉल और मिला पहला सुराग

Sukhdev Gogamedi Murder: राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या मामले में हर रोज नई कड़ी जुड़ते जा रही है. सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या 5 दिसंबर को कर दी गई थी. राजस्थान में दो दिन पहले ही चुनाव के नतीजे सामने आए थे. जिसमें बीजेपी ने जीत का परचम लहराया था. इसके बाद ही सुखदेव सिंह गोगामेड़ी कि हत्या ने पूरे देश में सनसनी फैला कर रख दी. सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को घर के अन्दर घुसकर खुलेआम शुटर्स गोली मारकर हत्या कर देते हैं.

गोगामेड़ी हत्याकांड में हर दिन हो रहे खुलासे 

करनी सेना अध्यक्ष के हत्या मामले में हर दिन नए नए खुलासे हो रहे हैं. राजपूत नेता की हत्या के बाद पूरे राजस्थान में तनाव का माहौल बन गया था. प्रदेश के पुलिस प्रमुख हर एक पहलु पर नज़र बनाये हुए थे. हत्या का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा था. इसी बीच गोगामेड़ी की पत्नी शिला शेखावत ने पुलिस में FIR दर्ज कराई जिसमें उन्होंने एफआईआर में कहा कि उन्होंने 24 फरवरी, 1 मार्च और 25 मार्च 2023 को डीजीपी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा था.

14 मार्च को ATS ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक इंटेलिजेंस को भी पत्र लिखकर जानकारी दी थी. सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को मारने की साजिश रची जा रही थी.

पंजाब पुलिस ने 14 फरवरी को राजस्थान पुलिस महानिदेशक को इसकी जानकारी दी थी. इतना इनपुट मिलने के बाद भी पूर्व सीएम अशोक गहलोत और डीजीपी ने जानबूझकर उनके पति को सुरक्षा मुहैया नहीं कराई.

गोगामेड़ी हत्या में पाकिस्तान कनेक्शन 

बता दें कि गोगामेड़ी की हत्या में पाकिस्तानी कनेक्शन कि बात सामने आने लगी. गोगामेड़ी ने 5 अगस्त 2018 को करणी सेना के साथ श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराया था. इसके बाद से ही वह टार्गेट पर थे.

सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्या को लेकर वीडियो भी सामने आया. जिसमें यह देखा गया कि 20 सेकंड में 6 बार गोली चली. इस घटना के बाद 6 दिसंबर को करनी सेना ने राजस्थान बंद रखा.

करनी सेना की स्थापना कब हुई 

साल 2006 में करनी सेना कि स्थापना हुई थी. संगठन के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कालवी ने करणी माता के नाम पर करणी सेना का नाम रखा था. मार्च 2023 में उनकी मृत्यु हो गई. सुखदेव सिंह भी करणी सेना के सदस्य थे. हालांकि, बाद में वे करणी सेना से अलग हो गए और एक संगठन राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना बनाया. इसके पीछे की वजह करणी सेना में अंदरूनी कलह बताई गई. वह इस संगठन के अध्यक्ष बने.

इसके बाद साल 2021 में मूल करणी सेना का भी श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना में विलय हो गया.
करनी सेना कोई राजनीतिक संगठन नहीं है बावजूद इसके राजनीतिक पार्टियां इस संगठन को अपने पक्ष में बनाये रखने के लिए प्रयास करते रहती है. करनी सेना का राजस्थान के राजपूत बाहुल्य इलाकों में अच्छा खासा प्रभाव है.

करनी सेना के कहने पर भारी संख्या में भीड़ एकत्र हो जाती है. और लोग प्रदर्शन को तैयार  हो जाते हैं. संगठन ये दावा करती है कि उसकी सेना संस्कृति की रक्षा के लिए काम करती है.

करनी सेना देश में उस वक़्त चर्चा में आ गई थी जब 2018 में बनी फिल्म पद्मावत का जमकर विरोध किया था. सेना ने प्रदर्शन कर इस फिल्म को बैन की डिमांड की थी. बता दें कि इस फिल्म के विरोध में करनी सेना ने बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण की कान  काटने कि धमकी तक दे डाली थी. इसके बाद ही करनी सेना को जानने के लिए लोग सर्च करने लगे थे.


सुखदेव सिंह गोगामेड़ी कि हत्या के पीछे चार नाम आए हैं वहीं ये भी कयास लगाये जा रहे हैं कि हत्या से जुड़े और भी लोग हो सकते हैं. और इस हत्याकांड में और भी बड़े गैंगस्टर का नाम आ सकता है.

राजस्थान पुलिस ने गोगामेड़ी पर फायरिंग करने वाले दो शूटरों नितिन फौजी और रोहित राठौड़ को गिरफ्तार कर लिया. बताया जा रहा है कि नविन शेखावत जिसे कि गोगामेड़ी पहले से ही जनता था उसी की मदद से दोनों शुटर्स घर में घुसने में कामयाब हो गए.

जैसे ही रोहित राठौड़ और नितिन फौजी ने गोगामेड़ी पर फायरिंग शुरू की तो नवीन शेखावत डर गए. इस पर वह नितिन फौजी और रोहित राठौड़ को रोकने लगे. तभी उन दोनों ने नवीन को भी गोली मार दी.
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के दोनों हत्यारे पुलिस के हाथ आने में और 15 दिन देर हो जाती तो विदेश भाग जाते. नए खुलासे में पता चला है कि शूटर्स रोहित राठौड़ और नितिन फौजी को विदेश में बुलाने का वादा किया गया था.

दोनों 50-50 हजार की टोकन मनी भी ले चुके थे. रेप के मामले में जेल गए रोहित को लगता था कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने उसे जेल में डलवाया. जबकि नितिन फौजी नवंबर में सेना से छुट्टी पर आया था. उस पर अपहरण का मामला दर्ज था, जिससे उसे लगा कि अब नौकरी नहीं चलने वाली. इसलिए वह भी इस अपराध में शामिल हो गया.

गोगामेड़ी हत्याकांड में दो आरोपी गिरफ़्तार 

फ़िलहाल इस मामले में अब दो की गिरफ़्तारी के बाद हत्या की दो प्रमुख वजहें निकलकर सामने आ रही है. पहली वजह ये है कि इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड और गैंगस्टर रोहित गोदरा गोगामेड़ी से नाराज चल रहा था.

दरअसल 2017 में राजस्थान के कुख्यात डॉन आनंदपाल की मौत के विरोध में प्रदर्शन बताया जा रहा है. तो वहीं दूसरी वजह शूटर रोहित राठौर की गर्लफ्रेंड से सुखदेव सिंह गोगामेड़ी कि नजदीकियों से रोहित काफी नाराज था और उसके बाद ही उसके खिलाफ मन में रंजिश पाल ली थी.

खबरों की मानें तो जब रोहित राठौड़ की गर्लफ्रेंड ने रोहित के खिलाफ रेप का केस दर्ज कराया तो राठौड़ जेल चले गए. इस दौरान सुखदेव खुद अपनी गर्लफ्रेंड की पैरवी कर रहे थे. जेल में रहने के दौरान रोहित राठौड़ की मुलाकात वीरेंद्र चरण से हुई.

उसने गोगामेड़ी के खिलाफ रोहित के गुस्से को हथियार बनाया और उसे उसकी हत्या करने के लिए मना लिया. जबकि नितिन फौजी लॉरेंस बिश्नोई का करीबी दोस्त था और कुख्यात गैंगस्टर संपत नेहरा को पहले से जानता था.

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11 December 2023, 03:53 PM IST

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