जम्मू-कश्मीर के चुनाव में कौन उठाएगा ताज? BJP- कांग्रेस में तीसरे चरण की खतरनाक सियासी लड़ाई!
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का तीसरा चरण 1 अक्टूबर को होने वाला है, जिसमें 40 सीटों पर वोटिंग होगी. बीजेपी और कांग्रेस के बीच जोरदार मुकाबला होने की उम्मीद है जबकि कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी का दबदबा बना हुआ है. इस चुनाव में कई दिग्गज नेताओं की साख दांव पर लगी है. क्या बीजेपी अपनी जीत बरकरार रख पाएगी या कांग्रेस वापसी करेगी? जानने के लिए पूरी खबर पढ़ें!
Jammu & Kashmir Elections: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों के तीसरे चरण की वोटिंग 1 अक्टूबर को होनी है. इस बार 40 सीटों पर मतदाता अपनी पसंद के उम्मीदवारों का चयन करेंगे. इसमें जम्मू क्षेत्र की 24 और कश्मीर क्षेत्र की 16 सीटें शामिल हैं. इस चुनावी प्रक्रिया में 415 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं और 39 लाख से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे.
जम्मू क्षेत्र: बीजेपी और कांग्रेस की अग्निपरीक्षा
जम्मू क्षेत्र की 24 सीटों में से 17 सीटों पर बीजेपी ने 2014 में जीत हासिल की थी. लेकिन इस बार कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना है. जम्मू के चुनाव में हिंदू मतदाता अहम भूमिका निभाएंगे और उनकी पसंद से ही दोनों दलों का भविष्य तय होगा.
बीजेपी इस बार अपनी जीत को बनाए रखने का प्रयास कर रही है, जबकि कांग्रेस के लिए यह मौका अपनी साख को पुनर्जीवित करने का है. जम्मू के मतदाताओं को विश्वास दिलाने के लिए बीजेपी ने कई प्रयास किए हैं और उन्हें यह यकीन दिलाने की कोशिश की है कि उनकी जीत का मतलब जम्मू के लोगों के लिए विकास और समृद्धि है.
कश्मीर क्षेत्र: नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी का दबदबा
वहीं दूसरी तरफ कश्मीर क्षेत्र में स्थिति कुछ अलग है. यहां नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी का राजनीतिक दबदबा है. इस बार सज्जाद लोन और इंजीनियर राशिद की पार्टी भी चुनावी मैदान में हैं, जो इस क्षेत्र में मुकाबला और भी दिलचस्प बना रही है. उत्तर कश्मीर की 16 सीटों में से कई पर इन दलों के बीच तगड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है.
दिग्गजों का साख दांव पर
तीसरे चरण में कई दिग्गज नेताओं की साख दांव पर लगी है. इनमें कांग्रेस के पूर्व उप मुख्यमंत्री तारा चंद और निर्दलीय उम्मीदवार मुजफ्फर बेग शामिल हैं. इसके अलावा पूर्व मंत्री और अन्य प्रमुख नेता भी अपनी किस्मत आजमाएंगे. चुनाव के दौरान पाकिस्तान बॉर्डर के आसपास के इलाकों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. मतदान केंद्रों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं, ताकि चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हो सके.
सियासी भविष्य का फैसला
तीसरे चरण का यह चुनाव जम्मू-कश्मीर के सियासी भविष्य का फैसला करेगा. बीजेपी, कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और अन्य दलों के बीच की प्रतिस्पर्धा यह तय करेगी कि राज्य की सत्ता किसके हाथ में जाएगी.
क्या बीजेपी अपनी जीत को बरकरार रख पाएगी या कांग्रेस अपनी पुरानी ताकत को फिर से स्थापित करेगी? यह सब इस चुनाव में तय होगा. जम्मू-कश्मीर की राजनीति में जोश और उत्साह देखने को मिल रहा है और सभी की निगाहें इस चुनाव पर टिकी हैं.