Explainer : कनाडा ने चुनाव में भारत को क्यों बताया 'विदेशी खतरा'? क्या है इसकी वजह
भारत और कनाडा के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब कनाड़ा की खुफिया एजेंसी ने भारत को उत्तरी अमेरिकी देश के चुनावों में हस्तक्षेप करने वाला बताया है. कनाडाई एजेंसी ने चीन को 'अब तक का सबसे महत्वपूर्ण खतरा' भी बताया है.
भारत और कनाडा के बीच खलिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से तनाव बना हुआ है. अब कनाडा ने भारत पर एक नया आरोप लगाकर दूसरा विवाद खड़ा कर दिया है. कनाडा की खुफिया एजेंसी ने उत्तरी अमेरिकी देश के चुनाव में भारत को खतरा बताया है. एजेंसी ने कहा कि भारत इन चुनावों में हस्तक्षेप कर सकता है. साथ ही एजेंसी ने चीन को 'अब तक का सबसे बड़ा खतरा' भी बताया है. कनाडा ने इस आरोप के आधार पर भारतीय राजनयिक को देश से निष्कासित कर दिया है. इसके जवाब में भारत ने एक बयान जारी कर मामले में किसी भी संलग्नता से इनकार किया है, और भारत ने भी एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को देश से निष्कासित कर दिया है. भारत और चीन के बारे में कनाडा की खुफिया रिपोर्ट क्या कहती है इसके बारे में बता रहे हैं.
क्या भारत से डर गया कनाडा?
कनाडा को शक है वहां के आम चुनावों में भारत दखल दे सकता है. कनाडा की सर्वोच्च विदेशी खुफिया एजेंसी Canadian Security Intelligence Service (CSIS) ने हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि कनाडा के चुनावों में भारत संभावित रूप से दखल दे सकता है. साथ ही चेतावनी दी है कि विदेशी दखल कनाडा के लोकतंत्र को कमजोर कर रहा है. खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने भारत को उत्तरी अमेरिकी देश के चुनावों में संभावित रूप से हस्तक्षेप करने वाला बताया है. एजेंसी ने इसने चीन की 'अब तक के सबसे महत्वपूर्ण खतरे' के रूप में पहचान की है.
भारत पर क्या आरोप लगे?
इंडिया टुडे ने कनाडा के ग्लोबल न्यूज का हवाला देते हुए लिखा कि कनाडाई सुरक्षा खुफिया एजेंसी ने देश के आम चुनावों में भारत के हस्तक्षेप का खतरा बताया है. ग्लोबल न्यूज़ द्वारा उद्धृत नोट में कहा गया है: "भारत FI (विदेशी हस्तक्षेप) गतिविधियों में संलग्न है." एक स्वतंत्र रिपोर्ट के अनुसार, 24 फरवरी 2023 के अवर्गीकृत दस्तावेज़ में आरोप लगाया गया कि भारत के हस्तक्षेप से स्थिति और खराब होगी, सरकार को "कनाडा की मजबूत लोकतांत्रिक संस्थाओं और प्रक्रियाओं की रक्षा के लिए और अधिक प्रयास करना चाहिए". इसके जवाब में भारतीय अधिकारियों ने कनाडा में चुनावों को प्रभावित करने में किसी भी भूमिका से इनकार किया है. एक अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा, "एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में, हम अन्य लोकतंत्रों के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करते हैं."
चीन पर क्या आरोप लगे?
कनाडा की खुफ़िया रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन उत्तरी अमेरिकी देश के लिए 'अब तक का सबसे बड़ा ख़तरा' है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 'हम जानते हैं कि पीआरसी (पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) ने 2019 और 2021 के संघीय चुनावों को गुप्त रूप से और भ्रामक रूप से प्रभावित करने की कोशिश की थी." हालांकि चीन ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है और ओटावा से कहा है कि "चीन से संबंधित झूठ और झूठी जानकारी को बढ़ावा देना बंद करें".
आखिर क्या चल रहा है?
पिछले सितंबर में कनाडा की ट्रूडो सरकार ने 2019 और 2021 के चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप के आरोपों पर एक जांच आयोग का गठन किया था. कनाडा के चुनावों में चीन के हस्तक्षेप का आरोप लगाने वाले लीक हुए खुफिया दस्तावेजों के बाद सार्वजनिक जांच की मांग की गई थी. इस मामले को लेकर क्यूबेक न्यायाधीश मैरी-जोसी हॉग के नेतृत्व वाला स्वतंत्र आयोग आज भी जांच कर रहा है. रॉयटर्स के अनुसार, पैनल ने 25 जनवरी को ट्रूडो सरकार से भारत द्वारा चुनावों में हस्तक्षेप के आरोपों पर जानकारी साझा करने को कहा है. आयोग ने एक बयान में कहा कि उसने कनाडाई सरकार से "2019 और 2021 के चुनावों से संबंधित भारत के कथित हस्तक्षेप से संबंधित दस्तावेज" उपलब्ध कराने को कहा था.
भारत-कनाडा के बीच तनाव
कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा में खलस्तानी निज्जर की हत्या के बाद भारत पर इसका आरोप लगाया था. इसके बाद से भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंधों में खटास आ गई थी. विवाद तब और बढ़ गया जब दोनों देशों ने जैसे को तैसा की कार्रवाई करते हुए अपने शीर्ष दूतों को हटा दिया. इसके बाद भारत ने कनाडाई का वीजा जारी करना अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है. अक्टूबर में, कनाडा को भारत से अपने 40 राजनयिकों को वापस बुलाना पड़ा क्योंकि नई दिल्ली ने राजनयिक उपस्थिति में "समानता" का आह्वान किया था.