Independence Day 2023: भारत 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से आजाद हुआ. इसिलिए हर साल 15 अगस्त को पूरा देश धूमधाम से स्वतंत्रता दिवस मनाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं 15 अगस्त को ही क्यों आजाद हुआ भारत? अंग्रेजों ने क्यों इसी तारीख को भारत की आजादी के लिए चुना? अगर नहीं पता तो हम बताते हैं.
दरअसल, दूसरे विश्व युद्ध (World War II) के बाद अंग्रेजों को लगने लगा था कि वो भारत पर ज्यादा दिनों तक राज नहीं कर पाएंगे, क्योंकि स्वतंत्रता आंदोलन अपने चरम पर था. इसीलिए उन्होंने भारत को सत्ता वापस करने का फैसला कर लिया.अपने इस फैसले को अमली जामा पहनाने के लिए उन्होंने लॉर्ड लुईस माउंटबेटन को चुना. माउंटबेटन भारत के आखिरी वाइसरॉय थे.
30 जून, 1948 तक भारत को करना था आजाद
ब्रिटिश संसद ने माउंटबेटन को 30 जून, 1948 तक सत्ता वापस करने की प्रक्रिया पूरी करने का वक्त दिया. भारत को आजादी दिलाने के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानी लगातार संघर्ष कर रहे थे. दूसरी ओर अंग्रेजों की बांटो और राज करो की नीति की वजह से देश के कुछ हिस्सों में हिंदुओं और मुस्लमानों के बीच भी संघर्ष चल रहा था. माहौल अंग्रेजों के कंट्रोल से बाहर होता जा रहा था, कहा जाता है कि उस वक्त भारत के अंतिम गवर्नर जेनरल और स्वतंत्रता सेनानी सी राजगोपालाचारी ने माउंटबेटन से कहा कि अगर भारत की आजादी के लिए 30 जून, 1948 तक का इंतजार किया गया तो वापस करने के लिए अंग्रेजों के पास कोई सत्ता नहीं बचेगी.
15 अगस्त को शुभ मानते थे माउंटबेटन
राजगोपालाचारी के सुझाव को माउंटबेटन ने ब्रिटिश शासकों तक पहुंचाया. जिसके लिए सभी राजी हो गए और तय समय से पहले ही भारत को सत्ता वापस करने के लिए तैयार हो गए. चूंकि आजाद भारत के पहले गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन ही होंगे ये पहले से लगभग तय था. इसीलिए माउंटबेटेन ये संदेश देना चाहते थे कि सब चीछों पर उनका काबू है इसी वजह से आजादी की तारीख उन्होंने ही 15 अगस्त को चुनी. कई रिपोर्टस और पुस्तकों के मुताबिक, 15 अगस्त की तारीख को लॉर्ड माउंटबेटन शुभ मानते थे, क्योंकि 15 अगस्त के दिन ही दूसरे विश्व युद्ध में जापान ने आत्मसमर्पण किया था और युद्ध के दौरान लॉर्ड माउंटबेटन अलाइट फोर्सेस के कमांडर थे.
यही वजह है कि तय समय से तकरीबन एक साल पहले 15 अगस्त, 1947 को भारत आजाद हो गया और इसी तारीख को स्वतंत्रता दिवस मनाए जाने लगा. First Updated : Monday, 14 August 2023