आखिर क्यों सुप्रीम कोर्ट पहुंची ममता सरकार? जानिए पूरा मामला
West Bengal: राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई अपनी याचिका में कहा है कि उच्च न्यायालय के 10 अप्रैल, 2024 के आदेश ने पुलिस बल सहित पूरे राज्य तंत्र को हतोत्साहित किया है.
West Bengal: लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ अपराध और जमीन हड़पने के आरोपों की सीबीआई जांच का निर्देश देने के खिलाफ एक याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. ऐसे में कोर्ट इस याचिका पर कल यानि सोमवार को सुनवाई करेगा.
न्यायमूर्ति बी.आर.गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ के इस मामले पर सुनवाई करने की संभावना है. राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई अपनी याचिका में कहा है कि उच्च न्यायालय के 10 अप्रैल, 2024 के आदेश ने पुलिस बल सहित पूरे राज्य तंत्र को हतोत्साहित किया है.
राज्य सरकार ने याचिका में और क्या कहा?
पश्चिम बंगाल सरकार की और से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में आगे कहा गया है कि उच्च न्यायलय ने एक बहुत ही सामान्य आदेश में राज्य को बिना किसी दिशानिर्देश के केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को आवश्यक सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है, भले ही वह जनहित याचिका में याचिकाकर्ताओं द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित न हो. यह संदेशखालि क्षेत्र में किसी भी संज्ञेय अपराध की जांच करने के लिए राज्य पुलिस की शक्तियों को हड़पने के समान है. संदेशखाली में ईडी के अधिकारियों पर हमले के मामले की जांच पहले से ही सीबीआई कर रही है और एजेंसी ने पांच जनवरी की घटनाओं से संबंधित तीन एफआईआर दर्ज की हैं.
हाई कोर्ट ने सीबीआई को संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ अपराध और भूमि पर कब्जा करने के आरोपों की जांच करने और सुनवाई की अगली तारीख पर एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया है। उच्च न्यायालय की पीठ ने मामले को अगली सुनवाई के लिए दो मई को सूचीबद्ध किये जाने का निर्देश दिया तथा उस दिन तक सीबीआई को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा था.
तलाशी के दौरान बड़ी मात्रा में मिले हथियार और गोलाबारूद बरामद
आपको बता दें, कि संदेशखाली में दो परिसरों की तलाशी के दौरान बड़ी मात्रा में हथियार और गोलाबारूद बरामद करने का दावा भी किया गया है. इसमें विदेशी पिसेतौल और रिवाल्वर भी शामिल है. सीबीआई के अनुसार एसके शाहजहाँ के आवासीय और आधिकारिक परिसरों की तलाशी के दौरान ईडी कर्मियों के खिलाफ हिंसा के मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में सीबीआई द्वारा आरसी.2/2024-कोल के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.
ममता ने बीजेपी पर लगाया ये आरोप
सीबीआई के अनुसार इस मामले की जांच के दौरान जानकारी मिली थी कि ईडी टीम की खोई वस्तुएं और अन्य आपत्तिजनक वस्तुएं एसके के एक सहयोगी के आवास पर छिपाई गई हो सकती है. वहीं सीएम ममता बनर्जी का कहना है कि यह सब केंद्र की भाजपा सरकार की साजिश है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी खुद ही ये सब गोला बारूद लेकर पहुंचे थे और इसे गलत रूप से दिखाया गया है.