मोदी सरकार ने आखिर क्यों वापस लिया ब्रॉडकास्टिंग बिल, अब क्या होने वाला है?
देश के मिनिस्ट्री ऑफ इंफॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग (MIB)ने ब्रॉडकास्टिंग बिल 2024 को वापस ले लिया है और कहा है कि अब नया ड्राफ्ट तैयार करेंगे. इस बिल के ड्राफ्ट पर पब्लिक कमेंट की डेडलाइन 15 जनवरी 2024 तक थी. तो चलिए इस बिल के बारे में जानते हैं.
देश के मिनिस्ट्री ऑफ इन्फॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग (MIB) ने ब्रॉडकास्टिंग बिल 2024 का ड्राफ्ट वापस ले लिया है. इस बिल को होल्ड पर रख दिया गया है और सरकार ने कहा है कि व्यापक विचार विमर्श के बाद फिर से इस बिल का नया ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा. बता दें कि MIB ने पिछले साल नवंबर में नए ब्रॉडकास्टिंग रेगुलेशन बिल का ड्राफ्ट किया था. इस बिल को लेकर विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया था कि बिल का संशोधित ड्राफ्ट संसद के पटल पर रखे जाने से पहले ही कुछ चुनिंदा हितधारकों के बीच इसे गुप्त रूप से लीक कर दिया गया. वहीं डिजिटल न्यू पब्लिर्श और इंडिविजुअल कंटेंट क्रिएटर्स भी इस बिल का विरोध कर रहे थे.
ब्रॉडकास्टिंग बिल में क्या थे प्रावधान
1. ब्रॉडकास्टिंग बिल के मौजूदा ड्राफ्ट के मुताबिक डिजिटल या फिर ओटीटी प्लेटफॉर्म जैसे कि Yutube,X, फेसबुक, इंस्टाग्राम, नेटफ्लिक्स, प्राइम वीडियो पर प्रसारित होने वाले कॉन्टेंट को सरकार रेगुलेट करने की प्लानिंग कर रही थी.
2. इस बिल के प्रावधान में डिजिटल प्लेटफॉर्म पर न्यूज प्रसारित करने वाले पब्लिशर्स को 'डिजिटल न्यूज ब्रॉडकास्टर्स' का नाम देने की योजना थी.
3. इसके अलावा इस बिल के ड्राफ्ट में एक नई रेगुलेटरी बॉडी 'ब्रॉडकास्टिंग अथॉरिटी ऑफ इंडिया' बनाने का भी प्रस्ताव था.
4. साथ ही कॉन्टेंट इवैल्यूएशन कमेटी (निगरानी समिति) बनाने का भी प्रावधान था. ये कमेटी वैसे काम करती जैसे सिनेमा में सेंसर बोर्ड काम करता है.
5. इसके अलावा कॉन्टेंट प्रसारित करने वालों और दर्शकों के बीच एक शिकायत से संबंधित प्रणाली भी तैयार करने का प्रावधान था. हालांकि, बिल में दिए गए इन सभी प्रावधानों को डिजिटल क्रिएटर्स विरोध कर रहे थे.
The Ministry of Information & Broadcasting is working on a Draft Broadcasting Services (Regulation) Bill.
— Ministry of Information and Broadcasting (@MIB_India) August 12, 2024
The draft Bill was placed in public domain on 10.11.2023 along with the explanatory notes for comments of the stakeholders and the general public. https://t.co/3A4brxbfLC…
डिजिटल क्रिएटर्स ने किया बिल का विरोध
दरअसल, इस ड्राफ्ट बिल को लेकर डिजिटल क्रिएटर्स विरोध कर रहे थे क्योंकि उनका कहना था इस बिल से कंटेंट बनाने पर पाबंदी लग जाएगी. क्रिएटर्स का कहना है कि इस बिल के जरिए सरकार डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स पर एक तरह से सेंसरशिप लगा रही है. बिल के ड्राफ्ट में डेटा के लोकलाइजेशन और यूजर डेटा का एक्सेस सरकार के पास होने का एक प्रावधान जोड़ा गया था. ऐसे में उनका कहना है कि, उन्हें वो फ्रीडम नहीं मिल पाएगी जो उन्हें मिल पाती है इसलिए वो इस बिल का विरोध कर रहे हैं.