सैम पित्रोदा ने राहुल के बारे में क्यों कही ऐसी बात? ठहाकों से गूंज उठा हॉल
Rahul Gandhi US Visit: टेक्सास में इंडियन डायसपोरा को संबोधित करते हुए इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चीफ सैम पित्रोदा ने मंच से राहुल गांधी को लेकर ऐसी बात कही कि पूरा सदन तालियों और ठहाकों से गूंज उठा. सैम पित्रोदा ने कहा कि राहुल गांधी पप्पू नहीं हैं. खास बात यह है कि सैम पित्रोदा जब बोल रहे थे, तब उस मंच पर बगल में राहुल गांधी भी मौजूद थे.
Rahul Gandhi US Visit: राहुल गांधी इन दिनों अमेरिका दौरे पर हैं. कांग्रेस सांसद का ये दौरा तीन दिनों का है. जहां वह अलग-अलग जगहों पर देश के कई मुद्दों पर बात कर रहे हैं. इस दौरान राहुल गांधी टेक्सास यूनिवर्सिटी पहुंचे जहां उन्होंने छात्रों के साथ बातचीत की. इसके साथ ही भारत जोड़ो यात्रा से लेकर बेरोजगारी पर भी खुलकर बातचीत की. राहुल के साथ इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चीफ सैम पित्रोदा भी वहां मौजूद थे. जब उन्हें संबोधन का मौका मिला तो उन्होंने कुछ ऐसी बात कह दी. जिससे पूरा सदन तालियों और ठहाकों से गूंज उठा. तो आइए जानते हैं कि सैम पित्रोदा ने ऐसी कौन सी बात कह दी थी.
राहुल गांधी के साथ मंच शेयर करते हुए टेक्सास में सैम पित्रोदा ने कहा, कि राहुल गांधी का एजेंडा कुछ बड़े मुद्दों पर बात करने का है. उनका विजन बीजेपी से बिल्कुल अलग है, जो करोड़ों-करोड़ रुपये खर्च करके प्रचार करती है. मैं आपको बता दूं कि वो ‘पप्पू’ नहीं हैं. वो बहुत पढ़े-लिखे हैं और किसी भी विषय पर गहराई से सोचने वाले रणनीतिकार हैं. खास बात यह है कि सैम पित्रोदा जब बोल रहे थे, तब उस मंच पर बगल में राहुल गांधी भी मौजूद थे.
#WATCH | Texas, USA: Chairman of Indian Overseas Congress, Sam Pitroda says, "...Rahul Gandhi's agenda is to address some of the larger issues, he has a vision contrary to what BJP promotes by spending crore and crore of rupees. I must tell you he is not 'Pappu', he is highly… pic.twitter.com/28zgNI6BQj
— ANI (@ANI) September 9, 2024
सैम पित्रोदा ने क्या कहा?
आगे इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चीफ ने कहा कि कभी-कभी उन्हें समझना इतना आसान नहीं होता. राहुल गांधी सबको साथ लेकर चलने में यकीन रखते हैं. बता दें कि सैम पित्रोदा विदेशों में कांग्रेस का पक्ष रखते हैं. भाजपा अक्सर राहुल गांधी को पप्पू कहकर मजाक बनाती रही है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र इतना सरल नहीं है. लोकतंत्र के लिए हमारे जैसे बड़ी संख्या में लोगों के काम की आवश्यकता होती है.
'लोकतंत्र को हाईजैक करने पर ध्यान'
इसके साथ ही कहा कि हम इसे हल्के में नहीं ले सकते क्योंकि ऐसे लोग हैं जो लोकतंत्र को हाईजैक करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. हमने इसे कई देशों में देखा है. स्वतंत्रता के समय, स्वतंत्रता आंदोलन को लेकर बहुत जोश था और गांधी, नेहरू, मौलाना आज़ाद, सरदार पटेल और सुभाष चंद्र बोस जैसे नेता इस बात को लेकर बहुत स्पष्ट थे कि वे किस तरह का राष्ट्र बनाना चाहते हैं. हर कोई समझता था कि स्वतंत्रता का क्या मतलब है और स्वतंत्र भारत क्या अवसर पैदा करेगा.