White Paper: श्वेत पत्र' क्यों लाना पड़ा जबकि ED और CBI पहले से ही मौजूद- अधीर रंजन चौधरी
White Paper: श्वेत पत्र पर लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "कांग्रेस द्वारा रक्षा मुद्दे पर गंभीर कुप्रबंधन, मैं इसमें एक और मुद्दा जोड़ रही हूं. इतना अधिक रक्षा कुप्रबंधन नहीं किया जा सकता
White Paper: कांग्रेस समेत विपक्ष यह सवाल उठाता रह गया कि मोदी सरकार लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ही यह श्वेत पत्र क्यों लाई? और इधर, भाजपा सांसद श्वेत पत्र के सहारे लोकसभा में उन काले करनामों के पन्ने फिर से पलटते गए, जिनके आरोपों में कांग्रेस नीत UPA सरकार घिरी है. पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कई घोटाले गिनाते हुए तंज कसा कि कांग्रेस ने आकाश, पाताल, जल, वायु और अग्नि, हर जगह भ्रष्टाचार कर पंचतत्व का नया सिद्धांत दिया.
श्वेत पत्र पर लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "कांग्रेस द्वारा रक्षा मुद्दे पर गंभीर कुप्रबंधन, मैं इसमें एक और मुद्दा जोड़ रही हूं. इतना अधिक रक्षा कुप्रबंधन नहीं किया जा सकता, इसके पीछे कुछ और मुद्दा है. जानिए वह 'अन्य मुद्दा' क्या है. लेकिन, मैं पूछना चाहता हूं - 2008 में, चीन में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे. वह किस बारे में था? यह आज तक सामने क्यों नहीं आया?...कांग्रेस को बताएं इस पर स्पष्टीकरण दीजिए.”
संसद में बीजेपी द्वारा लाए गए 'श्वेत पत्र' पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, ''आपको (बीजेपी को) 'श्वेत पत्र' क्यों लाना पड़ा जबकि ईडी और सीबीआई पहले से ही मौजूद हैं, वह भी चुनाव से पहले, सिर्फ लोगों का ध्यान भटकाने के लिए लोग समझते हैं कि किस समय क्या किया गया है."
#WATCH | Delhi: On 'White paper' brought by BJP in the parliament, Congress MP Adhir Ranjan Chowdhury says, " ...why did you (BJP) have to bring 'White Paper' when ED and CBI are already there, that too before the election, just to divert people. People understand what is done at… pic.twitter.com/WrEwM4fyVE
— ANI (@ANI) February 9, 2024
संसद में बीजेपी द्वारा लाए गए 'श्वेत पत्र' पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि, ''सरकार घबराई हुई है, यह केंद्रीय वित्त मंत्री के जवाब में दिखाई दिया. जो सरकार 10 साल तक सत्ता में रही, वह उस सरकार को गाली दे 10 साल तक सत्ता में रहकर अपनी उपलब्धियों के बारे में बात करें तो इसका मतलब है कि उनके 10 साल के कार्यकाल में कुछ नहीं हुआ है.