महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इतनी कम सीटों पर क्यों चुनाव लड़ रही BJP? जानें वजह
Maharashtra Assembly elections: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन खत्म हो चुका है. 20 नवंबर को 288 सीटों पर मतदान होगा, और 23 नवंबर को वोटों की गिनती होगी. यह स्पष्ट होगा कि महायुति की सरकार फिर से बनेगी या महा विकास अघाड़ी की वापसी होगी. चुनाव प्रचार दीपावली के बाद तेज हो जाएगा, जिसमें बीजेपी, कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के दोनों गुटों के नेता शामिल होंगे.
Maharashtra Assembly elections: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन खत्म हो चुका है. 20 नवंबर को 288 सीटों पर मतदान होगा, और 23 नवंबर को वोटों की गिनती होगी. यह स्पष्ट होगा कि महायुति की सरकार फिर से बनेगी या महा विकास अघाड़ी की वापसी होगी. चुनाव प्रचार दीपावली के बाद तेज हो जाएगा, जिसमें बीजेपी, कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के दोनों गुटों के नेता शामिल होंगे.
इस बार बीजेपी 148 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जो पिछले चुनाव की तुलना में 15 सीटें कम हैं. एकनाथ शिंदे की शिवसेना 80 सीटों पर और अजित पवार की एनसीपी 53 सीटों पर उम्मीदवार उतार रही है. इसके अलावा, महायुति के सहयोगियों को 5 सीटें दी गई हैं, जबकि 2 सीटों पर कोई निर्णय नहीं हुआ है. इस कमी के पीछे कई कारण हैं.
राज्य में सत्ता विरोधी लहर
भाजपा के सूत्रों के मुताबिक, इस बार राज्य में सत्ता विरोधी लहर है. बीजेपी ने कुछ सीटों पर सहयोगियों के साथ उम्मीदवारों की अदला-बदली भी की है, ताकि उनका स्ट्राइक रेट अच्छा बना रहे. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 28 सीटों पर लड़कर सिर्फ 9 सीटें मिली थीं, जो उसकी स्थिति को कमजोर करती हैं.
एनसीपी ने केवल एक सीट जीती
अजित पवार की एनसीपी ने केवल एक सीट जीती, जबकि कांग्रेस ने 16.4% वोट शेयर हासिल किया. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि स्थानीय मुद्दे, जैसे मराठा आरक्षण, इस बार चुनाव पर भारी पड़ सकते हैं. बीजेपी ने यह फैसला किया है कि जो उम्मीदवार जीतने की क्षमता रखते हैं, उन्हीं के आधार पर सीटें बांटी गई हैं.
2019 में बीजेपी का ऐसा हाल
2019 में बीजेपी ने अविभाजित शिवसेना के साथ 164 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 25.8% वोट शेयर हासिल किया था. इस बार, नए सहयोगियों के साथ सीटों का बंटवारा किया गया है, जिससे बीजेपी की स्थिति और मजबूत हो सके.