क्यों कुछ जगहों पर छठ पूजा में लगा है बैन? जानिए पूरी वजह!
Chhath Puja Banned In Some Places: छठ पूजा, जो हिंदू धर्म का प्रमुख पर्व है, भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन कोरोना महामारी और सुरक्षा कारणों से कुछ जगहों पर इस महापर्व पर पाबंदी लगाई गई है. हरियाणा, दिल्ली और बिहार के आरा जिले में खास कारणों से यह प्रतिबंध लागू किया गया. जानिए इन जगहों पर बैन क्यों लगाया गया और इस फैसले के पीछे क्या वजह रही.
Chhath Puja Banned In Some Places: छठ पूजा हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण और अत्यंत लोकप्रिय पर्व है. यह पूजा खासतौर पर बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल के कुछ हिस्सों में धूमधाम से मनाई जाती है. यह पर्व विशेष रूप से कार्तिक महीने में मनाया जाता है और चार दिन चलता है. इसमें सूर्य देवता और छठी मैया की पूजा की जाती है, जिनसे सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना की जाती है.
छठ पूजा का आयोजन एक लंबी प्रक्रिया होती है, जिसमें नहाय-खाय, खरना, शाम का अर्घ्य और फिर उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ समापन होता है.
कहीं छठ पूजा पर बैन क्यों?
छठ पूजा की महिमा और अनुष्ठान की महत्ता तो अपार है, लेकिन कुछ जगहों पर इस महापर्व को मनाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. आइए जानते हैं कि किन जगहों पर छठ पूजा पर पाबंदी लगाई गई है और इसके पीछे क्या कारण रहे हैं.
1. पंचकूला, हरियाणा (2020)
कोरोना महामारी के दौरान 2020 में हरियाणा के पंचकूला में छठ पूजा पर पाबंदी लगाई गई थी. इस दौरान सार्वजनिक स्थानों पर लोगों को एकत्रित होने से मना किया गया था. हालांकि, सरकार ने लोगों से यह अपील की थी कि वे घर की छत पर ही पूजा करें और सामूहिक रूप से किसी भी सार्वजनिक स्थान पर न जाएं. यह फैसला कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए लिया गया था ताकि वायरस का प्रसार रोका जा सके.
2. दिल्ली (2020 और 2021)
दिल्ली में भी कोरोना संकट के दौरान छठ पूजा पर पाबंदी लगाई गई थी. दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा मनाने पर रोक लगा दी थी. सरकार ने लोगों से घरों में रहकर पूजा करने की अपील की थी. इस निर्णय का उद्देश्य भी कोरोना महामारी से बचाव करना था, क्योंकि बड़ी संख्या में लोग एकत्र होकर पूजा करते हैं जिससे संक्रमण फैलने का खतरा रहता है.
3. आरा, बिहार (2024)
इस साल, बिहार के आरा जिले में छठ पूजा के लिए तीन घाटों पर पाबंदी लगाई गई है. इन घाटों की स्थिति को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. ये घाट काफी गहरे और दलदल वाले हैं, जिससे वहां पूजा करना खतरनाक हो सकता है. खासकर नदी के पानी में उतरने पर लोग डूबने का शिकार हो सकते हैं. प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से इन घाटों पर छठ पूजा के आयोजन पर रोक लगा दी है.
क्या है बैन लगाने का कारण?
इन सभी स्थानों पर छठ पूजा पर बैन लगाने के पीछे मुख्य कारण लोगों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लिए गए हैं. कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्य सुरक्षा सबसे बड़ा मुद्दा था, जबकि बिहार के आरा में बैन घाटों की असुरक्षित स्थिति के कारण लगाया गया. प्रशासन ने लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इन कदमों को उठाया है.
छठ पूजा एक ऐसी धार्मिक परंपरा है जो हर साल लाखों श्रद्धालुओं द्वारा बड़े उत्साह और आस्था के साथ मनाई जाती है. हालांकि, कुछ खास परिस्थितियों और सुरक्षा कारणों से कुछ स्थानों पर इस पर पाबंदी लगाई जाती है. इन स्थानों पर बैन का उद्देश्य लोगों की सुरक्षा करना और सार्वजनिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित करना है. फिर भी, लोग अपनी आस्था और श्रद्धा को घर पर ही मनाने की कोशिश करते हैं और यह पर्व समाज के हर वर्ग को जोड़ने का एक महत्वपूर्ण अवसर बनता है.