Explainer : कश्मीर के गुलमर्ग में जनवरी में क्यों नहीं हो रही बर्फबारी? पर्यटकों में दिखी निराशा
गुलमर्ग विश्व स्तर पर स्कीइंग रिसॉर्ट के लिए प्रसिद्ध है, जो यहां आने वाले सैकड़ों राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्कीयर्स को आकर्षित करता है. गुलमर्ग के मुख्य आकर्षणों में एक गुलमर्ग गोंडोला है, जो दुनिया की सबसे ऊंची केबल कार है. यह अपने इग्लू कैफे, दुनिया के सबसे बड़े और ग्लास इग्लू रेस्तरां के लिए भी प्रसिद्ध है.
स्की रिसॉर्ट के लिए मशहूर गुलमर्ग को इस बार मौसम की बेरूखी का सामना करना पड़ा रहा है. गुलमर्ग के स्की रिसॉर्ट अपनी स्की ढलानों और हिमालय पर्वत की प्राकृतिक सुंदरता के लिए जानी जाती है. लेकिन 2024 की जनवरी में बर्फबारी नहीं होने से यहां सब कुछ बंजर दिखाई दे रहा है. गुलमर्ग में ऐसा कई सालों में बाद हुआ कि जब जनवरी महीने में यहां बर्फबारी नहीं हुई. मौसम की इस बेरुखी के चलते मौसम वैज्ञानिक और सीजन में काम करने वाले व्यापारी सभी लोग निराश हैं.
गुलमर्ग क्यों प्रसिद्ध है?
गुलमर्ग का अर्थ होता है फूलों का मैदान, और कश्मीर पर्यटन का प्रतीक है. पश्चिमी हिमालय में पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला में नियंत्रण रेखा के करीब स्थित, यह एक कप के आकार की घाटी है, जिसमें अछूती चोटियां, सूखी करी पाउडर बर्फ और विशाल घास के मैदान हैं. गुलमर्ग ने अपने पूरे अस्तित्व में हिमालय पर्वत की प्राकृतिक सुंदरता के साथ लाखों पर्यटकों को आकर्षित किया है. 2023 में, 1.65 मिलियन (10 लाख 65 हजार) से अधिक पर्यटक यहां पहुंचे थे. यह संख्या अब तक के रिकार्ड में सबसे ज्यादा है.
गुलमर्ग विश्व स्तर पर स्कीइंग रिसॉर्ट के लिए प्रसिद्ध है, जो यहां आने वाले सैकड़ों राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्कीयर्स को आकर्षित करता है. गुलमर्ग के मुख्य आकर्षणों में एक गुलमर्ग गोंडोला है, जो दुनिया की सबसे ऊंची केबल कार है. यह अपने इग्लू कैफे, दुनिया के सबसे बड़े और ग्लास इग्लू रेस्तरां के लिए भी प्रसिद्ध है.
इस साल कश्मीरी स्की टाउन बर्फ रहित क्यों है?
इस साल जम्मू-कश्मीर के अधिकांश रिसॉर्ट्स और हिमालय और पीरपंजाल पहाड़ों पर बहुत कम या बिल्कुल भी बर्फबारी नहीं हो रही है. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, मैदानी इलाकों में कोई बर्फबारी नहीं हुई है, जबकि पहाड़ी इलाकों में औसत से कम बर्फबारी हुई है, जिससे कश्मीर घाटी में पूरे दिसंबर में 79% बारिश की कमी हुई है. मौसम विभाग के अनुसार पूरे कश्मीर में 20 जनवरी तक मौसम शुष्क रहने की संभावना है. बर्फबारी में कमी से क्षेत्र में पानी की कमी और संभावित खाद्य संकट पैदा हो सकता है.
गुलमर्ग में मौसम कैसे होने वाला है
कश्मीर मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक मुख्तार अहमद ने मीडिया से कहा कि गुलमर्ग में पूरे दिसंबर और जनवरी के पहले सप्ताह में बारिश नहीं हुई. आने वाले दिनों में यहां बारिश की संभावना नहीं है. 16 जनवरी की दोपहर तक मौसम शुष्क बना रह सकता है. अगर पिछले चार-पांच साल को देखें तो तीन से चार वर्षों से शुरुआती बर्फबारी का एक पैटर्न था, जो इस साल गायब है. पिछले साल, घाटी में 30 और 31 दिसंबर, 2022 और 4 जनवरी, 2023 को बर्फबारी हुई थी. इस बार गुलमर्ग के अलावा, दक्षिण कश्मीर में पहलगाम और मध्य कश्मीर में सोनमर्ग जैसे अन्य पर्यटक रिसॉर्ट भी सर्दियों में बर्फबारी के बिना रह गए हैं.
बर्फबारी नहीं होने के पीछे क्या कारण हैं?
इस बार गुलमर्ग में बर्फबारी नहीं होने के पीछे अल नीनो के प्रभाव को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह के तापमान के गर्म होने के कारण वैश्विक मौसम पैटर्न में बदलाव आया है. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि
कश्मीर में, अल नीनो का प्रभाव लंबे समय तक शुष्क दौर, हल्की सर्दियां और कम बर्फबारी के माध्यम से स्पष्ट होता है. इसलिए इस साल देश के अधिकांश हिस्सों में कम कड़ाके की सर्दी पड़ने की उम्मीद है. इस बीच, विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि इस क्षेत्र को भविष्य में लगातार और लंबे समय तक सूखे का सामना करना पड़ सकता है.