Indian Army Day 2025: दिल्ली में नहीं बल्कि पुणे में क्यों हो रही है इस साल सेना दिवस परेड?
Indian Army Day 2025: हर साल 15 जनवरी को इंडियन आर्मी डे के तौर पर मनाया जाता है. अपने इतिहास में पहली बार, भारतीय सेना की प्रतिष्ठित सेना दिवस परेड राजधानी शहर से बाहर निकलकर महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित हो रही है. दिल्ली के बाहर सेना दिवस मनाने का यह निर्णय हाल के वर्षों में राष्ट्रीय सैन्य समारोहों को विकेंद्रीकृत करने के लिए शुरू की गई परंपरा का हिस्सा है.
Indian Army Day 2025: भारतीय सेना के इतिहास में पहली बार, सेना दिवस परेड दिल्ली के बाहर, महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित की जा रही है. यह कदम न केवल परंपराओं में बदलाव का प्रतीक है, बल्कि सेना और नागरिकों के बीच संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक अहम प्रयास भी है.
हर साल 15 जनवरी को मनाए जाने वाले सेना दिवस पर देश भर के सैनिकों की वीरता और बलिदान को श्रद्धांजलि दी जाती है. इस साल की परेड खास होने वाली है क्योंकि यह देश के सैन्य समारोहों को विकेंद्रीकृत करने की नीति का हिस्सा है, जो कि हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ रही है.
पुणे में क्यों हो रही है सेना दिवस परेड?
सेना दिवस की परेड को राजधानी दिल्ली से बाहर ले जाने का फैसला भारतीय सेना की विकेंद्रीकरण रणनीति का हिस्सा है. इस पहल का उद्देश्य देश के विभिन्न हिस्सों में सैन्य गतिविधियों को पहुंचाना और सेना को नागरिकों के करीब लाना है. 2023 और 2024 में क्रमशः बेंगलुरु और लखनऊ में इस परेड का आयोजन किया गया. अब 2025 में पुणे इस ऐतिहासिक आयोजन की मेजबानी करने वाला तीसरा शहर बन गया है.
ऐतिहासिक सैन्य केंद्र है पुणे
पुणे, जो कि राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) और दक्षिणी कमान मुख्यालय जैसे प्रतिष्ठित सैन्य संस्थानों का घर है, भारत के सैन्य इतिहास में एक प्रमुख स्थान रखता है. इसके साथ ही, मराठा साम्राज्य के समय से पुणे सैन्य रणनीति और प्रशिक्षण का केंद्र रहा है. यह शहर भारतीय सशस्त्र बलों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है.
इस साल की थीम 'समर्थ भारत, सक्षम सेना'
इस वर्ष की परेड का आयोजन पुणे स्थित बॉम्बे इंजीनियरिंग ग्रुप (बीईजी) और सेंटर में किया जाएगा. इस साल की थीम 'समर्थ भारत, सक्षम सेना' होगी, जो सेना के आधुनिकीकरण, समावेशिता और जनता के साथ जुड़ाव को उजागर करती है.
आधुनिक रक्षा उपकरणों का प्रदर्शन
इस बार की परेड में 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत विकसित उन्नत स्वदेशी उपकरणों का प्रदर्शन किया जाएगा. इसमें अर्जुन एमके-1ए टैंक, के9 वज्र स्व-चालित हॉवित्जर और आधुनिक ड्रोन शामिल होंगे. साथ ही, महिला सैन्य अधिकारियों द्वारा टुकड़ियों का नेतृत्व और रोबो-खच्चरों का प्रदर्शन परेड को और भी खास बनाएगा.
सेना दिवस का महत्व
सेना दिवस की शुरुआत 15 जनवरी, 1949 को लेफ्टिनेंट जनरल के.एम. करिअप्पा के भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ बनने की स्मृति में हुई थी. उन्होंने ब्रिटिश जनरल फ्रांसिस रॉय बुचर का स्थान लिया था. यह दिन भारतीय सेना की निस्वार्थ सेवा और बलिदान का उत्सव है, जो देश की सुरक्षा और संप्रभुता को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं.