High Risk Food: हाल ही में, भारत के खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने पैकेज्ड पेयजल और मिनरल वाटर को 'उच्च जोखिम वाले खाद्य पदार्थ' के रूप में मान्यता दी है. यह कदम उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उत्पादों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए उठाया गया है. तो, इसका क्या मतलब है और इससे उद्योग पर क्या असर पड़ेगा? चलिए जानते हैं.
'उच्च जोखिम वाले खाद्य पदार्थ' का क्या मतलब है?
FSSAI के अनुसार, उच्च जोखिम वाले खाद्य पदार्थ वे हैं जिन्हें सुरक्षा और गुणवत्ता बनाए रखने के लिए नियमित निरीक्षण और ऑडिट से गुजरना पड़ता है. इसका मतलब यह नहीं है कि पैकेज्ड पानी असुरक्षित है, बल्कि यह कदम इस बात को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि उत्पादों का निर्माण और प्रसंस्करण सभी मानकों के अनुसार हो. अब इन उत्पादों के निर्माताओं को हर साल निरीक्षण और वार्षिक ऑडिट से गुजरना होगा.
क्या बदला है?
पहले, पैकेज्ड पेयजल और मिनरल वाटर को भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) से प्रमाणित करवाना अनिवार्य था. हालांकि, अक्टूबर में सरकार ने यह निर्णय लिया कि इन उत्पादों को BIS प्रमाणन की जरूरत नहीं होगी. अब, FSSAI द्वारा मान्यता प्राप्त खाद्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा वार्षिक निरीक्षण और ऑडिट करवाना अनिवार्य होगा.
निर्माताओं के लिए क्या होगा असर?
इस बदलाव के बाद, पैकेज्ड पेयजल और मिनरल वाटर बनाने वाली कंपनियों को अधिक सतर्क रहना होगा. उन्हें लाइसेंस या पंजीकरण लेने से पहले वार्षिक निरीक्षण से गुजरना होगा. इस कदम से निर्माता किसी भी संभावित खतरों से बचने के लिए सख्त सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करेंगे और उपभोक्ताओं को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण उत्पाद मिलेगा.
इससे पहले, उद्योग ने बीआईएस और एफएसएसएआई दोनों द्वारा प्रमाणन की दोहरी प्रक्रिया को समाप्त करने की मांग की थी. यह प्रक्रिया कंपनियों के लिए अतिरिक्त खर्च और प्रशासनिक बोझ का कारण बनती थी. अब इस बदलाव के साथ, उद्योग में सुधार की उम्मीद है और व्यवसायों को अपने कार्यों को आसानी से संचालित करने का मौका मिलेगा.
FSSAI द्वारा निर्धारित उच्च जोखिम वाले खाद्य पदार्थ
FSSAI ने केवल पैकेज्ड पेयजल को ही नहीं, बल्कि कई अन्य खाद्य उत्पादों को भी उच्च जोखिम वाला घोषित किया है. इसमें डेयरी उत्पाद, मांस और मांस उत्पाद, मछली और मछली उत्पाद, अंडे और विशेष पोषण संबंधी उत्पाद शामिल हैं. इन सभी को नियमित निरीक्षण और ऑडिट की आवश्यकता होती है, ताकि उपभोक्ताओं के लिए सुरक्षित और गुणवत्ता वाले उत्पाद सुनिश्चित किए जा सकें.
इस कदम से भारतीय पैकेज्ड पानी उद्योग में एक नई दिशा मिलेगी. इसके तहत निर्माताओं को गुणवत्ता और सुरक्षा बनाए रखने के लिए कड़े निरीक्षण और ऑडिट से गुजरना होगा. हालांकि, इससे उत्पादों की कीमतों पर कोई असर नहीं पड़ने की संभावना है, लेकिन इससे उपभोक्ताओं को बेहतर गुणवत्ता और सुरक्षा का भरोसा मिलेगा. First Updated : Tuesday, 03 December 2024