हाथरस में एक्शन से SC का इनकार क्यों? CJI ने सुझा दिया रास्ता
Supreme Court On Hathras Stampede: हाथरस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. इसमें पूर्व जज की निगरानी में एक कमेटी बनाने की मांग हुई थी. इस पर CJI डीवाय चंद्रचूड़ की बेंच ने सुनवाई या कमेटी बनाने से इनकार कर दिया है. इसके लिए उन्होंने रास्ता सुझाया है. आइये जानें कोर्ट ने ऐसा क्यों किया और CJI ने क्या कहा है?
Supreme Court On Hathras Stampede: हाथरस में हुए हादसे को 12 दिन बीत गए हैं. अभी तक मामले में 6 लोगों की गिरफ्तारी हो गई है. हालांकि, सूरजपाल उर्फ बाबा भोले अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई गई जिसमें पूर्व जज की निगरानी में कमेटी बनाने की मांग की गई. अब इस याचिका पर CJI डीवाय चंद्रचूड़ की बेंच ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया है.
बता दें 2 जुलाई को हाथरस में बाबा भोले के सत्संग के दौरान हादसा हो गया था. इसमें कुचले जाने से 123 लोगों की मौत हो गई थी. अभी भी कई घायल अस्पताल में भर्ती है. SIT ने मामले में अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. हालांकि, इसमें बाबा का कहीं भी नाम नहीं है. सरकार ने मामले में न्यायिक जांच के भी आदेश दिए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट में हाथरस भगदड़ की घटना की जांच के लिए शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति नियुक्त करने की मांग संबंधी याचिका लगाई गई थी. ऐसा निर्देश देने की मांग वाली जनहित याचिका पर विचार करने से कोर्ट ने इनकार कर दिया.
Supreme Court refuses to entertain a PIL seeking direction to appoint a five-member expert committee under the supervision of a retired top court judge to enquire into the Hathras stampede incident where more than 100 people were killed on July 2.
— ANI (@ANI) July 12, 2024
A Bench headed by Chief Justice… pic.twitter.com/OaHfRNOcmr
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह एक परेशान करने वाली घटना है. हालांकि, वह इस मामले पर विचार नहीं कर सकते हैं. उन्हेंने कहा कि उच्च न्यायालय ऐसे मामलों से निपटने के लिए मजबूत अदालतें हैं. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से अपनी याचिका के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को कहा है.
SIT की रिपोर्ट
बता दें इस मामले में गठित की गई SIT ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है. इसमें आयोजकों और पुलिस को दोषी ठहराया गया है. कहा गया है कि घटना लापरवाही के कारण हुई है. इससे पहले सरकार ने एक्शन लेते हुए SDM, CO और तहसीलदार समेत 6 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया था.