पहलगाम हमले के दौरान पाकिस्तान में क्यों चल रही थी ISI की बड़ी मीटिंग?
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. जिस वक्त भारत में आतंकियों ने हमला कर निर्दोष लोगों की जान ली, उसी समय पाकिस्तान में खुफिया एजेंसी ISI की एक अहम बैठक हो रही थी. इस बैठक में ISI के शीर्ष अधिकारी और कई वरिष्ठ सैन्य अफसर शामिल थे. आइए इस पूरे घटनाक्रम को विस्तार से समझते हैं.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन इलाके में हाल ही में हुए आतंकी हमले में जांच के दौरान मिले सभी सुराग पाकिस्तान की ओर इशारा कर रहे हैं. अब तक की जांच से यह स्पष्ट होता जा रहा है कि इस हमले में पाकिस्तान समर्थित आतंकी गुट शामिल हैं. इस हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है, जो लश्कर-ए-तैयबा का एक सहयोगी संगठन माना जाता है. सूत्रों का दावा है कि इस संगठन का संचालन शेख सज्जाद गुल कर रहा है, जो इस समय पाकिस्तान में छिपा हुआ है.
भारत को कश्मीर मुद्दे पर सीधी धमकी
महत्वपूर्ण बात यह है कि हमले से कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने भारत को कश्मीर मुद्दे पर सीधी धमकी दी थी और कश्मीर को पाकिस्तान की "गले की नस" बताया था. इसी बीच एक नई जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI को लेकर सामने आई है.

PTI को कमजोर करने की रणनीति
एक मीडिया रिपोर्ट में पाकिस्तान सेना के पूर्व अधिकारी आदिल रजा के हवाले से बताया गया है कि जब पहलगाम में आतंकी हमला चल रहा था, उसी समय पाकिस्तान में ISI की एक अहम बैठक चल रही थी. इस बैठक में ISI प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल असीम, सभी डिवीजनल डायरेक्टर्स और कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे. रजा के अनुसार, बैठक का एजेंडा पाकिस्तान के भीतर बिगड़ते हालात, प्रवासी विरोध और इमरान खान की पार्टी PTI को कमजोर करने की रणनीति पर केंद्रित था.
बताया गया है कि पाकिस्तान में सेना की लोकप्रियता में गिरावट आई है और जनता विरोध में उतर रही है. ऐसे में ISI कथित तौर पर युवाओं को धार्मिक कट्टरता की ओर मोड़कर सेना के खिलाफ बढ़ते गुस्से को भटकाने की कोशिश कर रही है. इस मीटिंग में भारत के खिलाफ गुप्त अभियान की योजना पर भी चर्चा हुई, जिसका उद्देश्य भारत को उकसाना और आंतरिक असंतोष से जनता का ध्यान हटाना है.


