'संसदीय मर्यादा के खिलाफ', सोनिया गांधी की टिप्पणी पर क्यों नाराज हुए स्पीकर ओम बिरला?
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बजट सत्र के आखिरी दिन सोनिया की टिप्पणी का जिक्र किया. इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि एक वरिष्ठ सदस्य की ओर से लोकसभा की कार्यवाही पर प्रश्न उठाना उचित नहीं है. आपका बता दें कि सोनिया गांधी ने गुरुवार को सरकार पर वक्फ विधेयक को मनमाने ढंग से पारित कराने का आरोप लगाते हुए कहा था कि यह विधेयक संविधान पर सरेआम हमला है और यह समाज को स्थायी ध्रुवीकरण की स्थिति में बनाए रखने की BJP की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है.

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने शुक्रवार को कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी का नाम लिए कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक पर उनकी टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण और संसदीय मर्यादा के अनुरूप नहीं है. दरअसल, सोनिया गांधी ने आरोप लगाया था कि वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को जबरन पारित कराया गया और यह विधेयक संविधान पर सरेआम हमला है.
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बजट सत्र के आखिरी दिन सोनिया की टिप्पणी का जिक्र किया. इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि एक वरिष्ठ सदस्य की ओर से लोकसभा की कार्यवाही पर प्रश्न उठाना उचित नहीं है.
सोनिया गांधी ने केंद्र पर लगाए आरोप
आपको बता दें कि सोनिया गांधी ने गुरुवार को सरकार पर वक्फ विधेयक को मनमाने ढंग से पारित कराने का आरोप लगाते हुए कहा था कि यह विधेयक संविधान पर सरेआम हमला है और यह समाज को स्थायी ध्रुवीकरण की स्थिति में बनाए रखने की BJP की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है. उन्होंने संसद भवन परिसर में संपन्न CPP की बैठक में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ संबंधी विधेयक, निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली, भारत के पड़ोसी देशों में राजनीतिक स्थिति, संसद में गतिरोध, विपक्ष के नेताओं को बोलने की अनुमति नहीं दिए जाने और कई अन्य विषयों को लेकर सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया था.
वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा ने बनाया रिकॉर्ड
रिजिजू ने लोकसभा में कहा कि एस्मा एक्ट 1981 के तहत 16 घंटे 51 मिनट तक चर्चा हुई थी. राज्यसभा में गुरुवार को वक्फ विधेयक पर 17 घंटे दो मिनट तक चर्चा हुई. यह ऐतिहासिक है. इस तरह सबसे लंबी चर्चा हुई. उन्होंने सोनिया गांधी का नाम लिए बिना कहा कि कई सांसदों ने मुझे बताया कि दूसरे सदन की एक सदस्य ने यह आरोप लगाया कि चर्चा के बिना ‘बुलडोज’ करके विधेयक पारित किया गया. उन्होंने कहा कि नियम और प्रक्रिया को पालन करके यह विधेयक पारित किया गया है.
संसदीय कार्य मंत्री ने लोकसभा अध्यक्ष से किया अनुरोध
रिजिजू ने लोकसभा अध्यक्ष से इस पर एक व्यवस्था देने का की अपील की. इस पर बिरला ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि कांग्रेस की एक वरिष्ठ सदस्य हैं, जो इस सदन की सदस्य रह चुकी हैं और अब दूसरे सदन की सदस्य हैं, उन्होंने संसद परिसर में यह बयान दिया गया है कि वक्फ (संशोधन) विधेयक जबरदस्ती पारित कराया गया. वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पर लोकसभा में करीब 14 घंटे तक मिनट चर्चा की गई. जिसमें सभी सदस्यों ने अपने विचार रखे. इस विधेयक पर वोटिंग हुई और अत: यह विधेयक सदन के नियमों के अनुसार पारित किया गया.
लोकसभा स्पीकर ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सदन की कार्यवाही पर एक वरिष्ठ सदस्य की ओर से प्रश्न उठा गया. बिरला ने यह भी कहा कि यह उचित नहीं है और संसदीय मर्यादा के अनुरूप भी नहीं है. कांग्रेस के सदस्यों ने भी अपनी बात रखने का आग्रह करते हुए सदन में हंगामा किया. इसके कुछ मिनट बाद ही बिरला ने सदन की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी.