धर्म और चाणक्य की नीति.... पाकिस्तान की सरेंडर वाली तस्वीर को सेना प्रमुख के कार्यालय से क्यों हटाया गया

भारतीय सेना प्रमुख के कार्यालय से 1971 पाकिस्तान आत्मसमर्पण की तस्वीर हटाकर करम क्षेत्र पेंटिंग लगाई गई, जिससे विवाद छिड़ गया. सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने यह स्पष्ट किया कि 1971 की तस्वीर को हटाया नहीं, बल्कि मानेकशॉ सेंटर के लाउंज में स्थानांतरित किया गया है.

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भारतीय सेना प्रमुख के रायसीना हिल का कार्यालय इन दिनों सुर्खियों में हैं. दरअसल, यहां से 1971 की पाकिस्तान के आत्मसमर्पण की ऐतिहासिक तस्वीर हटाने पर विवाद छिड़ गया है. इस तस्वीर को एक नई पेंटिंग ‘करम क्षेत्र’ से बदल दिया गया है, जिसके बाद यह फैसला सेना के दिग्गजों और अन्य लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया. 

सेना प्रमुख ने दी सफाई

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने इस बदलाव को लेकर कहा कि भारत के स्वर्णिम इतिहास को देखें तो इसमें तीन युग शामिल हैं - ब्रिटिश काल, मुगल काल और उससे पहले का काल. यदि हम सेना की दृष्टि और भारत के इतिहास को जोड़ना चाहते हैं, तो प्रतीकों का महत्व बढ़ जाता है. 

‘करम क्षेत्र’ का महत्व

‘करम क्षेत्र’ पेंटिंग में बर्फ से ढके पहाड़, भगवान श्रीकृष्ण का रथ, और चाणक्य को चित्रित किया गया है. यह पेंटिंग 28 मद्रास रेजिमेंट के लेफ्टिनेंट कर्नल थॉमस जैकब ने बनाई है, जो सेना की युवा पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं. 

भारतीय सेना ने कहा कि नई पेंटिंग ‘करम क्षेत्र’ सेना को "धर्म का रक्षक" और राष्ट्र के मूल्यों की रक्षा करने वाले एक आधुनिक, तकनीकी रूप से उन्नत बल के रूप में दर्शाती है. 

आलोचनाओं का जवाब

जनरल द्विवेदी ने आलोचनाओं पर कहा कि कहा जा रहा है कि पेंटिंग में एक अर्धनग्न ब्राह्मण पेंगोंग त्सो झील के किनारे खड़ा है. यदि भारतीय चाणक्य को नहीं जानते, तो उन्हें अपने सभ्यतागत दृष्टिकोण को समझने की आवश्यकता है. 

ऐतिहासिक तस्वीर को हटाया नहीं, स्थानांतरित किया गया

सेना प्रमुख ने स्पष्ट किया कि 1971 के आत्मसमर्पण की तस्वीर को हटाया नहीं गया है, बल्कि उसे स्थानांतरित किया गया है. उन्होंने बताया कि सेना प्रमुख के कार्यालय में दो लाउंज हैं और यह तस्वीर अब मानेकशॉ सेंटर के लाउंज में लगी हुई है.  First Updated : Wednesday, 15 January 2025