विश्लेषण : 1984 के आम चुनाव में कांग्रेस को मिली थीं 425 सीटें, क्या बीजेपी 2024 में तोड़ना चाहती है यह रिकार्ड?
साल 1984 में देश में आठवीं लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस को सोच से ज्यादा 425 सीटें मिलीं और विपक्ष पूरी तरह से खत्म हो गया. कांग्रेस को इतनी सीटें मिलने की पीछे की वजह थी करीब दो दशक तक भारतीय राजनीति में केंद्र बिंदु बनी रहीं देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या.
साल 1984 में देश में आठवीं लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस को सोच से ज्यादा 425 सीटें मिलीं और विपक्ष पूरी तरह से खत्म हो गया. कांग्रेस को इतनी सीटें मिलने की पीछे की वजह थी करीब दो दशक तक भारतीय राजनीति में केंद्र बिंदु बनी रहीं देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या. इंदिरा गांधी की हत्या के कारण ही कांग्रेस को 1984 में सहानुभूति वोट मिले हैं कांग्रेस को प्रचंड जीत मिली. इंदिरा गांधी ने 1980 में चौथी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी.
ये कहानी तो कांग्रेस को मिली रिकार्ड बहुतमत की रही. अब बात करते हैं बीजेपी की. अगले साल यानी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 400 से अधिक सीटें लाने का प्लान तैयार किया है. बीजेपी की 400 प्लस सीट जीतने की जब बात आती है तो हर किसी से दिमाग में आता है कि क्या बीजेपी 1984 में कांग्रेस को मिली 425 सीटों के रिकार्ड तोड़ने या छूने का प्रयास कर रही है. बात चाहे कुछ भी हो लेकिन बीजेपी का टारगेट और तैयारी कुछ ऐसी ही है.
बीजेपी 50% वोट और 400+ सीटों का रखा टारगेट
दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की दो दिवसीय बैठक में 2024 के लोकसभा चुनाव में 50% वोट शेयर हासिल करने का टारगेट रखा है. इसके साथ ही नए वोटर्स से जुड़ने के लिए पार्टी पूरे देश में अभियान चलाएगी. नए मतदाताओं से जुड़ने के लिए बीजेपी बूथ स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करेगी. पीएम मोदी नए मतदाता संपर्क सम्मेलन को भी संबोधित कर सकते हैं. अमित शाह ने पदाधिकारियों से कहा कि 2024 में जीत का अंतर इतना बड़ा होना चाहिए कि विपक्ष लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी उम्मीदवार के सामने खड़े होने की हिम्मत भी न कर सके.
क्या कहते हैं पुराने चुनावों के रिकार्ड
सन 2019 के चुनाव में बीजेपी को 37 प्रतिशत से अधिक वोट मिले थे जबकि उसके नेतृत्व वाले एनडीए को करीब 45 प्रतिशत वोट मिले थे. 2014 में केंद्र में सत्ता में आने के बाद से बीजेपी ने विधानसभा चुनावों में अपने वोट प्रतिशत को 50 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए हैं और कुछ चुनावों में उसे सफलता भी मिली है. विधानसभा चुनावों में मिली सफलता के बाद बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में 50 प्रतिशत वोट का लक्ष्य रखा है. 2019 के लोकसभा चुनाव में 543 सदस्यीय लोकसभा में बीजेपी ने 303 सीटें जीती थीं. बीजेपी का वोट प्रतिशत करीब 39% था.
‘मिशन 2024’ कितना आसान
2023 में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में तीन राज्यों में बीजेपी ने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई है. इससे यह बात तो साबित हो गई है कि देश में खासकर उत्तर भारत में 'मोदी का मैजिक' आज भी बरकरार है. हालांकि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले भी इन्हीं पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव हुए थे. तब बीजेपी को मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन इसका असर 2019 के आम चुनावों में नहीं हुआ औप बीजेपी को 2014 के मुकाबले ज्यादा सीटें मिलीं.
2019 के चुनाव से पहले पुलवामा और बालाकोट अटैक हुआ इसके जवाब में सर्जिकल स्ट्राइक हुई तब लोगों के मन में देश प्रेम और राष्ट्रपाद की भावना थी. इसके चलते बीजेपी को फायदा हुआ, लेकिन ऐसा हर बार नहीं हो सकता है, इसलिए इन चुनावों को लेकर बीजेपी पहले से ज्यादा सतर्क है और जमीनी स्तर पर काम कर रही है.
हिंदुत्व, राम मंदिर और UCC से बीजेपी को कितना लाभ होगा?
2024 में 18वीं लोकसभा के चुनाव में बीजेपी के पास हिंदुत्व, राम मंदिर और UCC प्रमुख मुद्दे हैं. इसके साथ ही बीजेपी के पास राष्ट्रवाद, विकास का मुद्दा और मोदी का चेहरा है. कई मीडिया संस्थानों के सर्वे के अनुसार ये सभी मुद्दे बीजेपी को लाभ दिलाने वाले हैं और इनके सहारे बीजेपी सत्ता तक पहुंचेगी.
2024 में विपक्ष कहां होगा?
मोदी की विजय रथ को रोकने के लिए INDIA गठबंधन बनाया गया है. जिसमें 26 विपक्षी दल एक साथ हैं. लोकसभा में 144 सीटें इस गठबंधन के दलों के पास है. लेकिन 303 सीटें केवल बीजेपी की थी. ऐसे में एक सीट पर विपक्ष का एक उम्मीदवार उतरता है तो मोदी की विजय रथ को रोका जा सकता है, लेकिन जमीन पर इंडिया गठबंधन के दलों के सीट बंटवारे पर मामला फंस सकता है.