Waqf Board Amendment Bill 2024: जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने 3 नवंबर 2024 को वक्फ बोर्ड संशोधन पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि देश में फिरकापरस्त सोच बढ़ रही है और वक्फ बिल एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को चुनौती दी कि वे मुसलमानों के जज्बात को समझें, जो उन्हें अपनी बंगलों में बैठकर नहीं पता चल सकता.
उन्होंने केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी के सहयोगी टीडीपी के नेता नायडू का धन्यवाद किया और कहा कि बीजेपी को हराने के बाद भी वे नायडू के समर्थन पर निर्भर हैं. उन्होंने बताया कि इस महीने के अंत में, 15 दिसंबर को नायडू के क्षेत्र में 5 लाख मुसलमानों को इकट्ठा किया जाएगा.
मौलाना मदनी ने चेतावनी दी कि अगर यह कानून पास हुआ, तो इसकी जिम्मेदारी भी टीडीपी और जेडीयू की होगी. उन्होंने कहा कि इस बिल में जहर भरा हुआ है, जो मुसलमानों के लिए हानिकारक होगा. जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने 24 नवंबर को पटना में इस वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ एक बड़े जलसे का आयोजन करने का दावा किया है, जिसमें नीतीश कुमार भी शामिल होंगे.
इससे पहले, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने कहा था कि अगर मुसलमान इस विधेयक में संशोधन नहीं चाहते हैं, तो सरकार को इसे दरकिनार कर देना चाहिए. एआईएमपीएलबी के महासचिव मौलाना मोहम्मद फजलूर्रहीम मुजद्दिदी ने बेंगलुरु में कहा कि महज 13 दिन में 3.66 करोड़ से ज्यादा मुसलमानों ने ईमेल के जरिए इस बिल का विरोध किया है.
साथ ही उन्होंने कहा कि पहले वक्फ बोर्ड के लिए लाए गए सभी संशोधनों का उद्देश्य इसे मजबूत करना था, लेकिन वर्तमान विधेयक इसे कमजोर करेगा. एआईएमपीएलबी ने इस मुद्दे पर ध्यान देने और मुसलमानों की इच्छाओं पर विचार करने की अपील की. First Updated : Sunday, 03 November 2024