Jammu Kashmir Election: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं और इस बार 18 सितंबर को पहले चरण में 24 सीटों पर मतदान होगा. कुल 219 उम्मीदवार मैदान में हैं जिनमें से केवल नौ महिलाएं हैं. धारा 370 की समाप्ति और केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है. इस बार विधानसभा चुनाव के दौरान महिलाओं की हिस्सेदारी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
जम्मू-कश्मीर में महिलाओं की सियासी भागीदारी हमेशा सीमित रही है. महबूबा मुफ्ती राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री रहीं लेकिन उनके अलावा महिलाएं विधानसभा में अपनी पहचान बनाने में सफल नहीं हो पाईं. 1972 से 2014 तक, पांच दशकों के सियासी इतिहास में सिर्फ 12 महिलाएं विधायक बन सकीं. यह स्थिति राजनीतिक दलों की ओर से महिलाओं को टिकट देने में कम दिलचस्पी को दर्शाती है.
1972 में 4 महिला विधायक, फिर क्यों घट गई संख्या?
1972 में हुए विधानसभा चुनाव में चार महिलाएं विधायक बनीं, जो इस अवधि की सबसे बड़ी संख्या है. इसके बाद के वर्षों में, महिलाओं की संख्या दो से तीन के बीच ही रही. 1987 में भी चार महिलाएं विधायक बनीं लेकिन इसके बाद महिला विधायकों की संख्या लगातार घटती गई. 1996 में दो, 2002 में दो, 2008 में तीन और 2014 में फिर से तीन महिलाएं विधायक बनीं.
बेटी इल्तिजा को टिकट
महबूबा मुफ्ती का सियासी सफर उल्लेखनीय रहा है. वे पहली बार 1996 में विधायक चुनी गईं और 2002 और 2008 में भी विधायक रहीं. मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद, महबूबा मुफ्ती जम्मू-कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं. हालांकि, उनके बीजेपी के साथ रिश्ते बिगड़ गए और उन्होंने इस्तीफा दे दिया. इस बार महबूबा मुफ्ती खुद चुनाव नहीं लड़ रही हैं बल्कि उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती को पीडीपी ने टिकट दिया है.
महिला उम्मीदवारों की दौड़ में कौन जीतेगा?
2024 के विधानसभा चुनाव में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का दावा प्रमुख दलों ने किया है. बीजेपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी ने महिला उम्मीदवारों को टिकट देने का वादा किया है. बीजेपी ने किश्तवाड़ से शगुन परिहार को नेशनल कॉन्फ्रेंस ने शमीम फिरदौस, साकीना इत्तू और पूजा ठाकुर को और पीडीपी ने आशिया निकास और इल्तिजा मुफ्ती को टिकट दिया है.
9 महिलाएं पहले चरण में
पहले चरण में नौ महिलाएं चुनाव मैदान में हैं. इनमें डेजी रैना, गुलशन अख्तर, इल्तिजा मुफ्ती, अफरोजा बानो, सकीना मसूद, मीनाक्षी भगत, मीनाक्षी कालरा, पूजा ठाकुर और शगुन परिहार शामिल हैं. देखना यह है कि इस बार विधानसभा में महिलाओं की संख्या कितनी बढ़ती है और क्या वे सियासी परिदृश्य में नई दिशा प्रदान कर सकेंगी. First Updated : Friday, 06 September 2024