2029 में लागू होगा एक देश, एक चुनाव? जानें क्या बोलीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
तमिलनाडु के कट्टनकुलथुर में एसआरएम विश्वविद्यालय में शनिवार को बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस अवधारणा पर कई अवसरों पर व्यापक रूप से चर्चा हुई. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पेश की गई कोई चीज नहीं थी. यह 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' 1960 के दशक तक अस्तित्व में था. सीतारमण के अनुसार, एक साथ चुनाव 2034 के बाद ही कराए जाने की योजना है और तत्कालीन राष्ट्रपति द्वारा अपनी स्वीकृति देने के लिए अभी से आधार तैयार किया जा रहा है.

केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री निर्मला सीतारमण 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' को लेकर बढ़ती अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि 2029 में होने वाले आम चुनावों के दौरान इस प्रस्ताव को लागू नहीं किया जाएगा. सीतारमण ने आलोचकों से इस विचार का आंख मूंदकर विरोध करने के बजाय इसके गुणों के आधार पर मूल्यांकन करने का भी आग्रह किया.
तमिलनाडु के कट्टनकुलथुर में एसआरएम विश्वविद्यालय में शनिवार को बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस अवधारणा पर कई अवसरों पर व्यापक रूप से चर्चा हुई. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पेश की गई कोई चीज नहीं थी. यह 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' 1960 के दशक तक अस्तित्व में था.
2034 के बाद होंगे एक साथ चुनाव
सीतारमण के अनुसार, एक साथ चुनाव 2034 के बाद ही कराए जाने की योजना है और तत्कालीन राष्ट्रपति द्वारा अपनी स्वीकृति देने के लिए अभी से आधार तैयार किया जा रहा है. पिछले साल, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' विधेयक को मंजूरी दी थी, जिसका उद्देश्य लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ कराना है. चुनावों को एक साथ कराने का प्रस्ताव भारतीय जनता पार्टी के 2024 के घोषणापत्र में एक प्रमुख वादा था.
बीजेपी के घोषणा पत्र का भी किया जिक्र
वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि लोकसभा चुनाव 2024 तक 1 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. उन्होंने यह भी बताया कि कैसे डीएमके के संरक्षक एम करुणानिधि ने 'एक राष्ट्र एक चुनाव' की अवधारणा का समर्थन किया था, लेकिन उनके बेटे और तमिलनाडु के मौजूदा मुख्यमंत्री एमके स्टालिन अपने पिता के नक्शेकदम पर चलने के बजाय इसका विरोध कर रहे थे.
एक देश, एक चुनाव से देश को होगा फायदा
सीतारमण ने कहा कि यदि संसद और विधानसभा के सदस्यों के चुनाव एक साथ कराए जाएं तो देश के सकल घरेलू उत्पाद में करीब 1.5 प्रतिशत की वृद्धि होगी. मूल्य के संदर्भ में अर्थव्यवस्था में 4.50 लाख करोड़ रुपये जुड़ेंगे. यह 'एक राष्ट्र एक चुनाव' अवधारणा का स्पष्ट उदाहरण है." सीतारमण ने दोहराया कि 'एक राष्ट्र एक चुनाव' की अवधारणा किसी की "पसंदीदा" परियोजना नहीं है, बल्कि देश को ध्यान में रखते हुए यह योजना बनाई गई है.