'क्या वक्फ विधेयक से बदल जाएगी भारत की जमीन? मोदी सरकार का बड़ा कदम!'
मोदी सरकार ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि वक्फ संपत्तियों से जुड़े पुराने कानून की खामियों को दूर करने के लिए यह कदम उठाया गया है। इस विधेयक को जेपीसी के पास भेजा गया है, और जल्द ही इसकी रिपोर्ट आने की उम्मीद है। वहीं, पूजा स्थल अधिनियम को लेकर मंत्री ने कहा कि सरकार हर कदम "राष्ट्रीय हित" में उठाएगी। क्या यह बदलाव आर्टिकल 370 जैसा बड़ा फैसला साबित होगा? पूरी खबर पढ़ें।
New Delhi: मोदी सरकार के बड़े फैसले और वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान वक्फ विधेयक पर काम कर रही कमिटी की प्रगति और सरकार के रुख को लेकर अहम बातें साझा कीं।
वक्फ विधेयक: क्या है मामला?
वक्फ बोर्ड भारत की सबसे ज्यादा संपत्तियां रखने वाली तीसरी संस्था है। इसके अधीन 8.72 लाख संपत्तियां और 9.4 लाख एकड़ ज़मीन है। रक्षा मंत्रालय और भारतीय रेलवे के बाद वक्फ बोर्ड के पास इतनी बड़ी संपत्ति है। लेकिन पुराने कानून की खामियों को देखते हुए सरकार ने इसे सुधारने के लिए संशोधन विधेयक पेश किया। लोकसभा में विधेयक पेश करने के बाद इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा गया। जेपीसी की रिपोर्ट का इंतजार है, जिसमें 31 सदस्य हैं। इनमें 21 लोकसभा और 10 राज्यसभा के सदस्य शामिल हैं। समिति में तेजस्वी सूर्या, असदुद्दीन ओवैसी, बृजलाल, सैयद नसीर हुसैन जैसे नेता शामिल हैं।
पूजा स्थल अधिनियम पर क्या बोले मंत्री?
पूजा स्थल अधिनियम पर चल रही चर्चा के बीच केंद्रीय कानून मंत्री ने इस मुद्दे पर सीधी टिप्पणी करने से इनकार किया, क्योंकि मामला अदालत में विचाराधीन है। हालांकि, उन्होंने संकेत दिए कि अगर सुप्रीम कोर्ट केंद्र से हलफनामा मांगता है, तो यह "राष्ट्रीय हित" में होगा।
सरकार का रुख और अगला कदम
मोदी सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक को केंद्रीय मंत्रिमंडल से पारित करा लिया है। सरकार का दावा है कि संशोधन से पुराने कानून की खामियां दूर होंगी और वक्फ संपत्तियों का सही इस्तेमाल सुनिश्चित होगा।
क्या कहता है ये कदम?
सरकार के इस बड़े फैसले को कुछ लोग 2019 में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने जैसे बड़े कदम से जोड़कर देख रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि वक्फ विधेयक पर सख्त रुख अपनाकर सरकार सामाजिक संतुलन और राष्ट्रीय हितों की रक्षा की दिशा में एक और मजबूत कदम बढ़ा रही है। वक्फ बोर्ड से जुड़ा यह विधेयक न केवल कानूनी बल्कि राजनीतिक रूप से भी अहम है। अब देखना यह है कि जेपीसी की रिपोर्ट और सरकार का अगला कदम क्या नया मोड़ लाता है।