संविधान से हटाया जाएगा धर्मनिरपेक्ष शब्द, BJP सांसद अनंत कुमार हेगड़े के बयान से मचा बवाल

Ananth Kumar Hedge Statement: बीजेपी सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने कहा कि संविधान में कुछ चीजों का बदलाव करने के लिए हमें 400 पार वोट चाहिए. इस पर कांग्रेस पार्टी ने उन्हें घेरा है.

calender

Ananth Kumar Hedge: देश में आज भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी के बीच जुबानी जंग चल रही है. कर्नाटक के बीजेपी सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने रविवार 10 मार्च को एक जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान हेगड़े ने एक ऐसा बयान दिया, जिससे बवाल मचा हुआ है. उन्होंने कहा कि संविधान में संशोधन के लिए पार्टी को लोकसभा में दो-तिहाई बहुमत सुनिश्चित करना होगा. संविधान में संशोधन करने और कांग्रेस द्वारा इसमें की गई विकृतियों और गैर-जरूरी रुप से जोड़ी गई चीजों को हटाने की जरूरत है. हेगड़े के इस बयान पर राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पटलवार किया है.

क्या बोल गए हेगड़े

अनंत कुमार हेगड़े ने कहा कि संविधान में कुछ हिस्सों को फिर से लिखने की जरूरत है इसके लिए भाजपा को संसद में दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुत की आवश्यकता होगी. साथ ही 20 से अधिक राज्यों में सत्ता में आना होगा. उन्होंने आगे कहा कि मोदी ने कहा है कि अबकी बार 400 पार क्यों? लोकसभा में हमारे पास दो तिहाई बहुत है, लेकिन राज्यसभा में हमारे पास दो-तिहाई बहुमत नहीं है. इस बयान पर राहुल ने कहा कि पीएम मोदी और बीजेपी संविधान को खत्म करना चाहती है. वहीं खरगे ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि आरएसएस-बीजेपी एससी-एसटी और ओबीसी के अधिकार छीनने से लेकर चुनाव को दिखावटी बनाना चाहते हैं.

6 साल पहले भी दिया था ऐसा बयान

हेगड़े ने 6 साल पहले भी इस तरह का बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि संविधान की प्रस्तावना से 'धर्मनिरपेक्ष' शब्द को हटाने के लिए भाजपा संविधान में बदलाव करेगी. बीजेपी सांसद ने कहा था कि कांग्रेस ने संविधान में अनावश्यक चीजों को जबरदस्ती भरकर इसको मूल रुप से विकृत कर दिया है. विशेष रूप से ऐसा उसने ऐसा कानून बनाए, जिनका मकसद हिंदु समाज को दबाना था. अगर इन सबको बदलना है तो यह इस बहुमत के साथ संभव नहीं है.

कौन है अनंत कुमार हेगड़े

अनंत कुमार हेगड़े कर्नाटक से बीजेपी सांसद हैं. वह 27 साल की उम्र में पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए. हेगड़े पहले आरएसएस के सदस्य भी रह चुके हैं बाद में वह एबीवीपी कार्यकर्ता भी रहे हैं. वर्ष 1994 में उन्होंने उत्तरी कर्नाटक के हुबली में निषेधाज्ञा चकमा दिया और RSS का ध्यान आकर्षित किया. मार्च 2016 में उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि जब तक इस्लाम है, दुनिया में कोई शांति नहीं होगी. जिस पर बहुत बवाल भी हुआ था. First Updated : Sunday, 10 March 2024

Topics :