Explainer: टेलीकॉम बिल के आने से फ्रॉड करने वालों पर कसेगी नकेल? जानिए इसके लागू होने से क्या होंगे फायदे
New Telecom Bill 2023: टेलीकॉम बिल 2023 के जरिए टेलीकॉम सेक्टर में बड़े सुधार करने की तैयारी की जा रही है. आखिर क्या होता है टेलीकॉम बिल? इस तरह के सवालों के जवाब आपके लिए लेकर आए हैं.
Explainer: सरकार सोमवार को लोकसभा में टेलीकॉम बिल 2023 पेश कर सकती है. यह बिल 1885 के भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम की जगह लेगा. बिल के जरिए टेलीकॉम सेक्टर में बड़े सुधार होंगे. शुक्रवार को कैबिनेट ने टेलीकॉम बिल को मंजूरी भी दे दी थी. एक बिल के जरिए ओटीटी को रेगुलेट करने का प्रस्ताव हटा दिया गया है. कहा जा रहा है कि सरकार सैटेलाइट सेवाओं के लिए नए नियम ला सकती है. सरकार ट्राई की शक्तियां भी कम कर सकती है.
टेलीकॉम बिल 2022 से शुरुआत
सरकार एक बिल भारतीय दूरसंचार विधेयक 2022 लाई. इस बिल को लाने से पहले इंडस्ट्री और एक्सपर्ट्स से सुझाव भी मांगे गए थे. सरकार के मुताबिक, इस बिल का मकसद धोखाधड़ी कम करना और यूजर्स को ज्यादा ताकत देना है.
कॉल करने वाले का दिखेगा नाम
टेलीकॉम बिल 2022 की यह सबसे खास बात यह थी कि 'यह आपको बताएगा कि आपको कौन कॉल या एसएमएस कर रहा है. मतलब, कॉल रिसीव करते ही स्क्रीन पर सामने वाले का नाम लिखा होगा. इसके बाद, यह आपकी पसंद है कि फ़ोन का उत्तर देना है या नहीं. अच्छी बात यह है कि सामान्य नंबरों से आने वाली कॉल के साथ-साथ व्हाट्सएप जैसी इंटरनेट कॉल के लिए भी ऐसा करना ज़रूरी होगा.
इसपर भी उठे सवाल
फोन पर नाम आने को लेकर कुछ लोगों का कहना है कि 'अब किसी का नाम पता करना उतना मुश्किल नहीं है, एक ऐप पर उस मंबर को डालो तो सब कुछ पता चल जाएगा. लेकिन असलियत कुछ और है. दरअसल, ऐप पर नाम एडिट करने का विकल्प मौजूद है. स्क्रीन पर कोई भी नाम दिखाना संभव है. जानने का अधिकार सीधे केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) से जुड़ा होगा. बिल में बताया गया कि केवाईसी के लिए जो नाम असली है वही देना होगा और कनेक्शन भी उसी नाम से लेना होगा. अगर कोई अपराध होता है तो 50,000 रुपये से 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
टेलीकॉम बिल 2023 में क्या है खास
सरकार पिछले साल सितंबर में दूरसंचार विधेयक 2022 का मसौदा तैयार किया था जिसमें लोगों से सुझाव भी मांगे गए थे. विधेयक के मसौदे के अनुसार, स्पेक्ट्रम की नीलामी प्रशासनिक प्रक्रियाओं या सरकार द्वारा तय किसी अन्य तंत्र के माध्यम से की जा सकती है. इसके अलावा टेलीकॉम कंपनियों के जुर्माने पर भी पुनर्विचार किया जाएगा. सरकार लाइसेंस अपराधों को फिर से गैर-संज्ञेय बनाएगी. कंपनियों के दिवालियापन से जुड़े प्रावधानों पर भी विचार किया जाएगा.
सरकार नियमों में करेगी बदलाव
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 'इसका मकसद विदेशी नंबरों से फर्जी कॉल के बढ़ते खतरे से बचाव करना है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 'विदेशी नंबरों से धोखाधड़ी वाली कॉलें हमारे नागरिकों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन गई हैं. इस मुद्दे से निपटने के लिए हम कड़े कदम उठाने के लिए तैयार हैं.'
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सरकार जल्द ही इस बिल को अंतिम रूप देगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया है. सरकार टेलीकॉम इंडस्ट्री के नियमों को आसान बनाना चाहती है. दूरसंचार विधेयक का उद्देश्य उपयोगकर्ता सुरक्षा और नवाचार को बढ़ावा देकर भारत को एक वैश्विक बेंचमार्क के रूप में स्थापित करना है.