पश्चिम बंगाल के रायगंज सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने में नाकाम नजर आया. दरअसल, एक महिला को अपने घायल पति को अपनी पीठ पर लादकर ले जाने पर मजबूर होना पड़ा. यह घटना सोमवार को हुई, जब सलिता बर्मन नाम की महिला ने अपने 51 साल के पति परितोष बर्मन को अपनी पीठ पर उठाकर अस्पताल ले गई. परितोष, जो एक निर्माण हादसे में घायल हो गए थे, उन्हें ई-रिक्शा में अस्पताल लाया गया था.
अस्पताल पहुंचने पर सलिता और परितोष को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा. सुरक्षा कर्मचारी ने उनकी ई-रिक्शा को परिसर से बाहर निकालने के लिए कहा और परितोष के चलने में असमर्थ होने के बावजूद कोई व्हीलचेयर नहीं दी गई. नतीजतन, सलिता को मजबूरी में अपने पति को पीठ पर उठाकर ओपीडी तक ले जाना पड़ा.
डॉक्टरों ने परितोष को सीटी स्कैन कराने की सलाह दी, लेकिन इसके लिए भी कोई व्हीलचेयर उपलब्ध नहीं थी. इसके चलते सलिता को फिर से अपने पति को अपनी पीठ पर उठाकर दूसरे भवन तक ले जाना पड़ा.
सलिता के अपने पति को पीठ पर ढोते हुए खींची गई तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिससे अस्पताल की बुनियादी सुविधाओं की कमी पर भारी आलोचना शुरू हो गई.
जब इस घटना की खबर फैल गई, तो अस्पताल प्रशासन ने व्हीलचेयर की व्यवस्था की. अस्पताल प्रशासन ने स्वीकार किया कि पर्याप्त व्हीलचेयर उपलब्ध हैं, लेकिन मरीजों और उनके परिवारों को एक व्हीलचेयर मिलने के लिए धैर्य रखना चाहिए. First Updated : Tuesday, 14 January 2025