Women Reservation Bill: जहाँ स्त्री का सम्मान होता हैं, वहाँ देवता वास करते हैं...' संसद से बिल पारित होने के बाद बोले असम CM
असम के मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि जहां पर स्त्री का सम्मान होता है, वहां पर देवता का वास होता है और वहीं पर सुख-समृद्धि होती है.
हाइलाइट
- असम के मुख्यमंत्री ने देशवासियों को दी बधाई
- पीएम मोदी ने राज्ससभा के सदस्यों का आभार व्यक्त किया
Women Reservation Bill: संसद के विशेष सत्र में लाया गया वुमेन रिजर्वेशन बिल दोनों सदनों से चर्चा के बाद पास हो गया है, विधेयक पर सभी दलों के समर्थन मिलने पर असम के मुख्यमंत्री हिंमत बिस्वा सरमा की प्रतिक्रिया सामने आई है. सीएम ने इस बिल की तारीफ करते सभी देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं.
नारीशक्ति वंदन अधिनियम का पारित होना राष्ट्र को आगे बढ़ाए: असम CM
असम के मुख्यमंत्री सरमा ने एक्स पर जानकारी देते हुए लिखा कि, जहां पर स्त्री का सम्मान होता है, वहां पर देवता का वास होता है और वहीं पर सुख-समृद्धि होती है. संसद के दोनों सदनों द्वारा सर्वसम्मति से नारीशक्ति वंदन अधिनियम का पारित होना राष्ट्र को आगे बढ़ाने के लिए नेतृत्व की स्थिति लेने के लिए अपनी महिलाओं को सशक्त बनाने में भारतीय लोकतंत्र के संकल्प को दर्शाता है.
हमारे देश की लोकतांत्रिक यात्रा का एक ऐतिहासिक क्षण! 140 करोड़ भारतवासियों को बहुत-बहुत बधाई!
— Narendra Modi (@narendramodi) September 21, 2023
नारी शक्ति वंदन अधिनियम से जुड़े बिल को वोट देने के लिए राज्यसभा के सभी सांसदों का हृदय से आभार। सर्वसम्मति से इसका पास होना बहुत उत्साहित करने वाला है।
इस बिल के पारित होने से जहां…
शुरुआती वर्षों में इस पेश नहीं किया गया था
उन्होंने आगे कहा कि शुरुआत में इसे वर्षों पहले पेश किया गया था, इसमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व ने अंततः लंबे समय से चली आ रही मांग को साकार करने और महिलाओं को उनका उचित स्थान दिलाने के लिए सफल रहे हैं.
पीएम मोदी ने 140 करोड़ देशवासियों को बधाई दी
वहीं, संसद के दोनों सदनों से बिल पारित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जाहिर करते हुए एक्स पर 140 करोड़ देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम से जुड़े बिल को वोट देने के लिए राज्यसभा के सभी सांसदों का हृदय से आभार. सर्वसम्मति से इसका पास होना बहुत उत्साहित करने वाला है. इस बिल के पारित होने से जहां नारी शक्ति का प्रतिनिधित्व और मजबूत होगा. वहीं, इनके सशक्तिकरण के एक नए युग की शुरुआत होगी. यह सिर्फ एक कानून नहीं है, बल्कि इसके जरिए राष्ट्र निर्माण में अमूल्य भागीदारी निभाने वाली देश की माताओं, बहनों और बेटियों को उनका अधिकार मिला है. इस ऐतिहासिक कदम से जहां करोड़ों महिलाओं की आवाज और बुलंद होगी, वहीं उनकी शक्ति, साहस और सामर्थ्य को एक नई पहचान मिलेगी.