मिस से मिस्टर बनी IRS अफसर, नाम को लेकर सरकार ने लिया अहम फैसला
New Delhi: भारतीय राजस्व सेवा यानी आईआरएस की एक वरिष्ठ महिला अधिकारी ने अपना लिंग परिवर्तन करवा लिया है. उन्होंने ऐतिहासिक निर्णय लेने के बाद सभी आधिकारिक कागजातों में उनका नाम और लिंग बदलने के अनुरोध का स्वीकार कर लिया है. ये भारतीय सिविल सेवाओं में पहली बार हुआ है. दिसंबर 2013 में सूर्या ने चेन्नई में सहायक आयुक्त की जिम्मेदारी संभाली थी. जिसके बाद 2018 में उन्हें डिप्टी कमिश्रर बनाया गया है.
New Delhi: भारत में पहली बार हो रहा है जब भारतीय राजस्व सेवा यानी आईआरएस की एक वरिष्ठ महिला अधिकारी ने अपना लिंग बदल लिया है. उन्होंने अपना नाम सुश्री एम अनुसूया से बदलकर बनी श्री एम अनुकाथिर सूर्या कर लिया है. महिला आधिकारी ने आधिकारिक कागजतों में अपना नाम बदलने की अपील की थी जिसके बाद अब उन्का नाम बदल गया है.
दिसंबर 2013 में सूर्या ने चेन्नई में सहायक आयुक्त की जिम्मेदारी संभाली. साल 2018 में इसके बाद उन्हें डिप्टी कमिश्नर बनाया गया.उन्होंने पिछले साल हैदराबाद में अपनी वर्तमान पोस्टिंग पर जॉइन की थी.
नाम परिवर्तन का अनुरोध
हैदराबाद में सीईएसटीएटी के मुख्य आयुक्त के कार्यालय में संयुक्त आयुक्त पद पर तैनात एम अनुसूया ने नाम और लिंग दोनों बदलवाने की अपील की थी. उन्होंने अपना नाम बदलकर एम अनुकथिर सूर्या कर लिया है. साथ ही उन्होंने लिंग वाले कॉलम में महिला की जगह पुरुष करने का अनुरोध किया था. जिसके बाद अब सरकारी कागजों में उनका नाम बदला गया है.
सहायक आयुक्त की जिम्मेदारी
दिसंबर 2013 में सूर्या ने चेन्नई में सहायक आयुक्त की जिम्मेदारी संभाली थी. इसके बाद उन्हें साल 2008 में डिप्टी कमिश्नर बनाया गया. हैदराबाद में पिछले साल उन्होंने अपनी वर्तमान पोस्टिंह पर फिर से जॉइन कर लिया था. इनकी पढ़ाई लिखाई की बात करें तो चेन्नई के मदरास में उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रॉनिक्स में अपनी स्नातक की डिग्री पूरी की. इसके बाद 2023 में भोपाल में नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी से साइबर लॉ और साइबर फोरेंसिक में पीजी डिप्लोमा पूरा किया.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला
साल 2014, 15 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने नालसा मामले में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया था. जिसमें तीसरे लिंग को मान्यता दी गई थी. इसके साथ ही ये भी कहा गया था कि किसी को भी लिंग की पहचान चुनने का एक व्यक्तिगत विकल्प है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद ओडिशा के एक पुरुष वाणिज्यिक कर अधिकारी ने ओडिशा वित्तीय सेवा में शामिल होने के पांच साल बाद 2015 में अपना लिंग बदल कर महिला बनने का निर्णय लिया था.