Nuh Violence: नूंह हिंसा मामले में 101 महिला वकीलों ने CJI से की मांग, हेट स्पीच पर कार्रवाई का दें आदेश

Nuh Violence: महिला वकीलों ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा नूंह में डेमोलिशन की कार्रवाई पर रोक लगाने के फैसले का हवाला दिया. जिसमें हाईकोर्ट ने टिप्पणी की थी कि नूंह में सरकार विशेष समुदाय को टारगेट कर रही है.

Manoj Aarya
Edited By: Manoj Aarya

हाइलाइट

  • दिल्ली हाईकोर्ट के महिला वकिलों ने सीजेआई को लिखा पत्र
  • पत्र के माध्यम से महिला वकिलों ने सुप्रीम कोर्ट से तीन मांग की हैं
  • वकिलों ने कहा, ये हिंसा राज्य प्रशासन और पुलिस के फेलियर हैं

Nuh Violence: हरियाणा के नूंह में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के बाद मुस्लिमों के बायकॉट करने के वीडियो का मुद्दा अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में पहुंच गया है. दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) की महिला वकीलों के फोरम ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (CJI) को पत्र लिखा. जिसमें सोशल मीडिया पर चल रहे मुस्लिमों के बायकॉट के वीडियो और दूसरी सामग्री पर कार्रवाई करने की मांग की गई है.

जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग

दिल्ली हाईकोर्ट के 101 महिला वकीलों ने पत्र के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट के पुराने केसों के फैसलों का हवाला भी दिया है. उन्होंने नफरत भरे भाषण वाले वीडियो पर अपनी चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट से 3 मांगे की हैं. जिनमें इन्हे रोकने के लिए हरियाणा सरकार को कदम उठाने, हेट स्पीच से जुड़े वीडियो पर रोक लगाने और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग रखी गई है. .

महिला वकीलों ने CJI को क्या लिखा

महिला वकीलों द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि नफरत भरे वीडियो हरियाणा की रैलियों में रिकॉर्ड किए गए हैं. जबकि सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच न करने के लिए सख्त आदेश दिए थे. इसके बावजूद आदेशों का उल्लंघन हो रहा है. इन्हें तुरंत ट्रैक कर पाबंदी लगानी चाहिए. महिला वकिलों ने ये भी कहा कि इस तरह के भाषण नफरत को बढ़ावा दे रहे हैं और डर का माहौल पैदा करते है. इनसे हिंसा का भी खतरा है. ये लोग हथियार लेकर सांप्रदायिक नारे भी लगा रहे हैं.

इसके बावजूद इन वीडियो की कोई जांच या कार्रवाई नहीं हो रही. अगर इन्हें न रोका गया तो नफरत और हिंसा को रोकना संभव नहीं होगा. राज्य प्रशासन और पुलिस पर सवाल करते हुए वकीलों ने कहा कि इस तरह के वीडियो राज्य प्रशासन और पुलिस के फेलियर हैं. ये हेट स्पीच के दौरान और उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं कर सके.

महिला वकिलों ने हाईकोर्ट का हवाला दिया

महिला वकीलों ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा नूंह में डेमोलिशन की कार्रवाई पर रोक लगाने के फैसले का हवाला दिया. जिसमें हाईकोर्ट ने टिप्पणी की थी कि नूंह में सरकार विशेष समुदाय को टारगेट कर रही है. ऐसा लगता है कि सरकार बुलडोजर चलाकर जातीय संहार कर रही है. हाईकोर्ट ने इस मामले में डीजीपी और गृह सचिव से जवाब तलब किया था. ये भी सुओ मोटो था. हाईकोर्ट के ‘तेज और संवेदनशील दृष्टिकोण’ ने कानून में नागरिकों का विश्वास बनाने में काफी मदद की है.

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18 August 2023, 07:51 AM IST

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