Indian Coast Guard: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कोस्ट गार्ड महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन के मामले की सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल किया, कोर्ट ने कहा कि जब सेना और नौसेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन दिया जा रहा है तो भारतीय तटरक्षक बल इस नियम से बाहर नहीं जा सकता. कोर्ट ने कहा कि आईसीजी में महिला अधिकारियों को अपने पुरुषों के बराबर क्यों नहीं मान सकता.'
सुप्रीम कोर्ट ने महिला अधिकारी प्रियंका त्यागी ने याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने तटरक्षक बल में पात्र महिला 'शॉर्ट सर्विस कमीशन' (एसएससी) अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने की मांग की है. इसी पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, 'आप महिला शक्ति के बारे में बात करते हैं, अब इसे यहां दिखाओ. आपको ऐसी नीति लानी चाहिए जिसमें महिलाओं के साथ उचित व्यवहार किया जाए.
सुनवाई को दौरान कोर्ट ने सवाल पूछा कि क्या तीनों सशस्त्र बलों - सेना, वायु सेना और नौसेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद केंद्र अभी भी 'पितृसत्तात्मक रवैया' अपना रहा है. पीठ ने तटरक्षक बल की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी से पूछा, 'आप इतने पितृसत्तात्मक क्यों हैं? क्या आप तटरक्षक बल में महिलाओं को नहीं देखना चाहते?'
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'क्या आपने अभी तक कोर्ट का बबीता पुनिया जजमेंट नहीं पढ़ा है. आपके पास नौसेना में भी महिलाएं हैं, देश की सीमाओं पर महिलाएं हैं तो फिर कॉस्ट में गार्ड ऐसा क्या खास है जहां पर महिलाएं रक्षा नहीं कर सकतीं? First Updated : Tuesday, 20 February 2024