Women Reservation Bill on Amit Shah: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महिला आरक्षण बिल को लेकर कांग्रेस पर अब जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण बिल विपक्ष को हजम नहीं हो रही हैं. महिला आरक्षण बिल मंगलवार 19 सितंबर को लोकसभा में पेश किया गया. इस पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सत्ता पक्ष पर निधाना साधने हुए कहा कि, यह विधेयक आज सिर्फ एक हेडलाइन बनाने के लिए है.
कांग्रेस नेता के प्रतिक्रिया के बाद अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया के (X) ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा कि, "देशभर के लोग संसद में नारी शक्ति वंदन अधिनियम की शुरूआत का आनंद उठा रहे हैं. यह महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए मोदी सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है."
आगे उन्होंने लिखा कि, "अफसोस की बात है कि विपक्ष इसे पचा नहीं पा रहा है. और, इससे भी अधिक शर्मनाक बात यह है कि प्रतीकात्मकता को छोड़कर, कांग्रेस कभी भी महिला आरक्षण को लेकर गंभीर नहीं रही. या तो उन्होंने कानूनों को समाप्त होने दिया या उनके मित्र दलों ने विधेयक को पेश होने से रोक दिया. उनका दोहरा चरित्र कभी छुपेगा नहीं, चाहे वे श्रेय लेने के लिए कितने ही स्टंट क्यों न कर लें."
इससे पहले कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने ट्वीटर पर शेयर करते हुए लिखा कि, चुनावी जुमलों के इस मौसम में, यह सबसे बड़ा जुमला है! यह देश की करोड़ों महिलाओं और लड़कियों की उम्मीदों के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है. हमने पहले भी बताया है कि मोदी सरकार ने अभी तक 2021 में होने वाली दशकीय जनगणना नहीं की है। भारत G20 का एकमात्र देश है जो जनगणना कराने में विफल रहा है.
आगे उन्होंने लिखा कि, अब कहा गया है कि महिला आरक्षण विधेयक के अधिनियम बनने के बाद, जो पहली दशकीय जनगणना होगी, उसके उपरांत ही महिलाओं के लिए आरक्षण लागू होगा. यह जनगणना कब होगी? विधेयक में यह भी कहा गया है कि आरक्षण अगली जनगणना के प्रकाशन और उसके बाद परिसीमन प्रक्रिया के बाद प्रभावी होगा. क्या 2024 चुनाव से पहले जनगणना और परिसीमन हो जाएगा? यह विधेयक आज सिर्फ हेडलाइन बनाने के लिए है, जबकि इसका कार्यान्वयन बहुत बाद में हो सकता है. यह कुछ और नहीं बल्कि EVM - EVent Management है.
First Updated : Tuesday, 19 September 2023