Word Hindi Day : क्यों मनाया जाता है विश्व हिंदी दिवस, क्या है इसके पीछे का कारण और महत्व
Word Hindi Day : भारत में हर साल विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया जाता है. हमारे भारत मे लोग न जाने कितनी भाषाएं बोलते हैं. आज का दिन हिंदी भाषियों के लिए यह गौरवर्पूण दिन होता है.
हाइलाइट
- पहली बार हिंदी दिवस कब बना?
- विश्व हिंदी दिवस और राष्ट्रीय हिंदी दिवस में अतंर
Word Hindi Day: आज विश्वभर में हिंदी विस मनाया जा रहा है. दुनियाभर में हिंदी भाषा के जानकार रहते हैं. उन सभी हिंदी भाषाओं को क एकजुट करने का उद्देश्य से यह दिन मनाया जाता है, साथ ही हिंदी की उपयोगिता से लोगों को अवगत कराना भी विश्न हिंदू दिवस का उद्देश्य है . इस दिन मनाने की शुरुआत 10 जनवरी 1975 में की गई थी.
पहली बार महाराष्ट्र के अनुसार नागापुर में पहले विश्व हिंदू सम्मेलन अयोजित हुआ है. उस समय में लगभग 30 देशों के 122 प्रतिनिधि शामिल हुए थे, जिसके बाद यूरोपीय में भारतीय दुतावास में पहला विश्व हिंदी दिवस मनाया गया था. हालांकि भारत में 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है.
पहली बार हिंदी दिवस कब बना?
भारत विश्व हिंदी का काफी महत्व माना जाता है. क्या आप ने कभी सोचा है आखिर कब से हिंदी दिवस को देशभर में मनाया जाता है? पहला हिंदी सम्मेलन 10 जनवरी 1974 को महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित हुआ था. यह सम्मेलन अतंरराष्टीय स्तर का था, जिसमें 30 देशों के 122 प्रतिनिधि शामिल हुए हैं. इस सम्मेलन का उद्देश्य हिंदी का प्रसार-प्रसार करना पड़ था, तब से निश्व हिंदी दिवस इसी तारीख यानी 10 जनवरी को मनाया जाने लगा. इसके बाद यह यूरोपीय देश नार्वें के भारतीय दूतावास ने पहली बार विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है.
विश्व हिंदी दिवस और राष्ट्रीय हिंदी दिवस में अतंर
लोगों का एक सवाल होता है कि आखिर हिंदी दिवस कब और किस दिन मनाया जाता है. दरअसल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाते हैं और 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाते हैं. दोनों का उद्देश्य हिंदी का प्रसार करना ही है लेकिन दोनों में एक बड़ा अंतर भी है, जिसे लोग नहीं जानते हैं. वहीं दोनों की स्थापना दिवस को लेकर भी कुछ अतंर है, राष्ट्रीय हिंदी दिवस भारत में हिंदी को आधिकारिक दर्जा मिलने की खुशी में मनाते हैं, साथ ही हिंदी दिवस दुनिया में हिंदी को वहीं दर्जा दिलाने के प्रयास में मनाया जाता है.
हिंदी के बारे में क्या हैं विद्वानों के विचार
हिंदी के माध्यम से सारे भारत करो एक सूत्र में पिरोया जा सकता है –स्वामी दयानंद
भारत के हर भाग में शिक्षित –अशिक्षित, ग्रामीण तथा शहरी सभी हिंदी को समझते हैं. राहुल सांकृत्यायन
मैं किसी भी विदेशी भाषा का विरोध नहीं करता, लेकिन मेरे ही देश में हिंदी का सम्मान न हो मैं सहन नहीं कर सकता – विनोबा भावे
हिंदी देश की राष्ट्रभाषा है- महात्मा गांधी