World Coconut Day: 2 सितंबर को आखिर क्यों मनाया जाता है विश्व नारियल दिवस, जानें इसका इतिहास और महत्व
World Coconut Day: हर साल है विश्व नारियल दिवस 2 सितंबर को दुनियाभर में मनाया जाता है. नारियल का महत्व न केवल हमारे जीवन में होता है बल्कि शास्त्रों में भी इसके की फायदे बताए गए हैं.
हाइलाइट
- हर साल है विश्व नारियल दिवस 2 सितंबर को दुनियाभर में मनाया जाता है.
World Coconut Day: प्रत्येक वर्ष 2 सितंबर को नारियल दिवस बड़े ही धूम-धाम के साथ देश के के इलाकों में मनाया जाता है. प्रकृति के सबसे बहुमुखी उत्पादों में से एक, नारियल का इस्तेमाल खाने-पीने और कॉस्मेटिक से लेकर सजावट तक हर चीज में किया जाता है. इसके साथ ही नारियल का इस्तेमाल कई तरह के विदेशी व्यंजनों के लिए भी किया जाता है. विश्व के नारियल उत्पादन में एशिया का 90% योगदान है. जिसमें भारत दुनिया के सबसे बड़े नारियल निर्यातकों में से एक है.
नारियल दिवस का इतिहास
भारतीय धर्म-संस्कृति में नारियल का खास महत्व माना जाता है. हिंदू धर्म में इसे श्रीफल के नाम से भी जाना जाता है साथ ही पूजा-पाठ के दौरान नारियल चढ़ाने या फोड़ने की मान्यता है. इसे पूजा सामग्री के रूप में शामिल किया जाता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान विष्णु जब पृथ्वी पर अवतरित हुए थे तब वे मां लक्ष्मी और कामधेनु गाय के साथ नारियल को भी लेकर आए थे.
नारियल के वृक्ष को कल्पवृक्ष कहा जाता है. नारियल में त्रिदेवों का वास होता है. इसके अलावा विश्नामित्र ने नारियल को मानव रूप में तैयार किया था. एक बार विश्वामित्र इन्द्र देव से नाराज होकर दूसरे स्वर्गलोक का निर्माण करने लगे थे. दूसरी सृष्टि का निर्माण करते हुए उन्होंने मानव रूप में नारियल का निर्माण किया.
जानें क्या है महत्व
विश्व नारियल दिवस पहली बार वर्ष 2009 में मनाया गया था. इस दिन को एशियाई और प्रशांत नारियल समुदायों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. इसे मनाने का मुख्य मकसद दुनियाभर में नारियल की खेती के बारे में लोगों को जागरूक करना है. इसके अलावा नारियल उद्योग को बढ़ावा देते हैं. वहीं एशिया प्रशांत में नारियल समुदाय का हेड ऑफिस इंडोनेशिया के जकार्ता में है. आपको बता दें कि इंडोनेशिया दुनिया में सबसे ज्यादा नारियल का उत्पादन करता है.