World Rabies Day 2023: हर साल 28 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड रेबीज डे, क्या है आज के दिन का महत्व?
World Rabies Day 2023: दुनिया भर में हर साल 28 सितंबर को वर्ल्ड रेबीज डे मनाया जाता है. इसर दिन को मनाने का खास उद्देश्य लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरुक करना है.
हाइलाइट
- दुनिया के कई देशों में 28 सितंबर को वर्ल्ड रेबीज डे मनाया जाता है.
World Rabies Day 2023: दुनिया के कई देशों में 28 सितंबर को वर्ल्ड रेबीज डे मनाया जाता है. यह एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जो कुत्ते के काटने से इंसानों के शरीर में काफी तेजी के साथ फैलती है. आज का दिन का खास उद्देश्य इस बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक करना है साथ ही इसकी रोकथाम और नियंत्रण को बढ़ावा देना है. अक्सर लोगों को लगता है रेबीज की बीमारी सिर्फ कुत्ते के काटने से होती है, लेकिन ऐसा नहीं है यह बीमारी किसी भी जंगली जानवर के काटने से फैल सकती है.
2007 में की गई वर्ल्ड रेबीज डे मनाने की घोषणा
पहली बार वर्ल्ड रेबीज डे मनाने की घोषणा 2007 में ग्लोबल अलायंस फॉर रेबीज कंट्रोल द्वारा की गई थी और बाद में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इसका समर्थन किया गया था. इस दिन को मानने का उद्देश्य है, रेबीज से होने वाले खतरे और रोकथाम को लेकर जागरूकता बढ़ाना है. वर्ल्ड रेबीज डे वैक्सीन को विकसित करने वाले फ्रेंच केमिस्ट और माइक्रोबायोलॉजिमस्ट लुई की मृत्यु 28 सितंबर हो हुई थी. इसीलिए इस दिन को विश्व रेबीज दिवस के रूप में मनाया जाता है.
क्या हैं रेबीज के लक्षण
1. व्यक्ति को बुखार आना
2. चिंता और व्याकुलता होना
3. खाना-पीना निगलने में कठिनाई होना
4. बहुत अधिक लार निकलना
5. सिर में दर्द शुरू होना
6. घबराहट होना
7. पानी से डर लगना
वर्ल्ड रेबीज डे मनाने का उद्देश्य है इस जानलेवा बीमारी को रोकना है साथ ही इसके बारे में सभी को जागरुक करना है. रेबीज की बीमारी अमेरिका में अधिक होती है और ये वहां के लोगों के लिए आम बात होती है. कई अन्य देशों में कुत्ते के काटने से रेबीज होता है. रेबीज के कारण लगभग 60,000 लोगों की मौत हो जाती है.