International Tribal Day 2023: दुनिया में हर साल नौ अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य आदिवासी लोगों के अधिकारों को बढ़ावा देने और उनसे जुड़े मुद्दों पर ध्यान देने के लिए दुनिया भर में मनाया जाता है. भारत में आदिवासी आबादी को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में रखा गया है. देश में अनुसूचित जनजातियों की क्या स्थिति है और उनकी साक्षरता और बेरोजगारी दर क्या है? लोकसभा में दो दिन पहले ही सरकार ने इस संबंध में जवाब दिया था.
लोकसभा में बीजेपी सांसद कनकमल कटारा ने अनुसूचित जनजातियों की शिक्षा और रोजगार दरों और उनके सशक्तिकरण के लिए चल रही योजनाओं का ब्यौरा क्या है इसे लेकर सवाल किया था? जनजातीय कार्य राज्य मंत्री रेणुका सिंह सरूता ने 7 अगस्त, सोमवार को इस संबंध में जवाब दिया. मंत्री ने बताया कि 2011 की जनगणना के अनुसार, 'अनुसूचित जनजातियों के संबंध में कुल पुरुष और महिला आबादी की साक्षरता दर क्रमश: 59%, 68.5% और 49.4% थी.' जबकि सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) 2020-21 के अनुसार, 'अनसूचित जनजातियों के बीच पुरुष और महिला साक्षरता दर क्रमश: 71.6%, 79.8% और 63.1% है.'
अनुसूचित जनजातियों के लिए बेरोजगारी दर ग्रामीण, शहरी और ग्रमीण शहरी दोनों स्तर पर अलग-अलग बताई गई. लोकसभा पीएलएफएस 2020-21 की एक रिपोर्ट के अनुसार, 'अनुसूचित जनजातियों के लिए बेरोजगारी दर ग्रामीण क्षेत्र में पुरुषों के मामले में 3.2 फीसदी, महिलाओं की 1.0 फीसदी और व्यक्ति के मामले में 2.3 फीसदी है.' वहीं शहरी क्षेत्र में ये दर पुरुषों के मामले में 7.7 फीसदी, महिलाओं में 6.3 फीसदी और व्यक्ति के मामले में 7.3 फीसदी है. जबकि ग्रामीण शहरी दोनों के स्तर पर 3.7 फीसदी पुरुष, 1.3 फीसदी महिलाएं बेरोजगार हैं और व्यक्तियों के मामले में ये संख्या 2.7 फीसदी है.
लोकसभा में मंत्री रेणुका सिंह सरूता ने अनुसूचित जनजातियों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के उद्देश्य के लिए चलाई जा रही कुछ योजनाओं और कार्यक्रमों का भी जिक्र किया गया. इनमें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण, दीन दयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण, समग्र शिक्षा, जल जीवन मिशन/राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल मिशन, आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम, 10,000 एफपीओ का गठन और संवर्धन, आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना और पीएम-किसान योजना शामिल है. First Updated : Wednesday, 09 August 2023