छुट्टी पर सवाल गलत! सुप्रीम कोर्ट ने किया कमाल, अवकाश में क्या करते हैं जज?
इस साल गर्मी की छुट्टियों के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने हजारों मामले को निपटाया है. गर्मी की छुट्टियों के दौरान सात सप्ताह के ब्रेक के बाद आज फिर से सुप्रीम कोर्ट खुल रहा है. कोर्ट खुलने के बाद सबसे पहले उन मामले की सुनवाई होगी जो पेंडिंग है. इन मामलों में हाथरस, नीट यूजी, बिहार के ढह रहे पुल, ईडी मामले में गिरफ्तारी करने की केजरीवाल की याचिका समेत कई मामले शामिल है.
सुप्रीम कोर्ट आज फिर से खुलने जा रहा है. सात सप्ताह की गर्मी की छुट्टियों के बाद आज यानी 8 जुलाई को फिर कोर्ट का कामकाज शुरू हो जाएगा. अगले कुछ हफ्तों में सीजेआई के नेतृत्व वाली पीठें पेंडिंग मामलों पर अपना फैसले सुनाएंगी. जिनमें 9-न्यायाधीशों वाली तीन पीठें, 7-जे वाली पीठें दो और 5-जे वाली पीठें दो फैसले सुनाएंगी. दिलचस्प बात यह है कि ढेर सारे प्रशासनिक काम संभालने और भारत और विदेशों में सम्मेलनों में भाग लेने के बावजूद, सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ अपनी अध्यक्षता वाली पीठों द्वारा 18 मामलों में आरक्षित निर्णयों पर काम कर रहे हैं, जिनमें कुल 176 संबंधित याचिकाएं हैं.
20 मई से शुरू हुई सुप्रीम कोर्ट की जजों की छुट्टियां 8 जुलाई को समाप्त हो गई है. सोमवार को कोर्ट फिर से खुलने जा रहे हैं. गर्मी की छुट्टियों के अलावा कोर्ट दशहरा और दिवाली पर एक-एक हफ्ते का अवकाश लेते हैं. दिसंबर के आखिर में दो हफ्ते के लिए कोर्ट बंद रहता है. बता दें कि, इतनी लंबी छुट्टियों के लिए अक्सर कोर्ट की आलोचना की जाती है.
कोर्ट को कब कब मिलती है छुट्टी
गर्मी के छुट्टी के अलावा अदालत को दशहरा, दिवाली पर एक-एक हफ्ते की छुट्टी रहती है. वहीं दिसंबर के आखिरी में दो हफ्ते के लिए कोर्ट बंद रहता है. कोर्ट के छुट्टियों के ये ये शेड्यूल ब्रिटिश काल के समय से चलता आ रहा है. हालांकि, कई बार कोर्ट की इन छुट्टियों की आलोचना हो चुकी है. सुप्रीम कोर्ट की गर्मी की छुट्टियां मई से शुरू होती है जो जुलाई में जाकर खत्म होती है. ऐसे में लोगों का कहना है कि, कोर्टे के छुट्टियों के दौरान जरूरी मामले पर भी सुनवाई नहीं होती है. इस पर सीजीआई का कहना है कि, लोगों को छुट्टियां दिखती है लेकिन उन्हें ये नहीं दिखता है कि, वो लोग छुट्टियों में भी काम करते हैं.
गर्मी के छुट्टियों के दौरान कैसे होती है मामले की सुनवाई
गर्मी के छुट्टियों के दौरान कई बार होता है कि, कुछ जरूरी मामले होते हैं जिस पर सुनवाई होना जरूरी होता है. ऐसे में गर्मी के छुट्टियों के दौरान मामले की सुनवाई के लिए एक वेकेशन बेंच तैयार किया जाता है जिसमें दो से तीन जज शामिल होते हैं. ये बेंच जरूरी मामलों की सुनवाई करती है. लंबी छुट्टियों को लेकर वकीलों और जजों ने बताया कि यह ऐसा पेशा है, जिसमें कई-कई घंटों काम करना होता है. घर जाने के बाद भी केस की स्टडी करनी होती है, पिछली दलीलें पढ़नी होती है उसके बाद कल के लिए भी तैयारी करनी पड़ती है.
गर्मी के छुट्टियों में क्या करते हैं जज
गर्मी के छुट्टियों को लेकर उठ रहे सवाल के बीच जजों का कहना है कि, सुबह 10.30 बजे से शाम 4 बजे के बीच हम जो काम करते हैं, वह अगले दिन सुनवाई के लिए आने वाले मामलों से निपटने के लिए तैयार रहने के लिए किए जाने वाले काम का एक हिस्सा है. हर न्यायाधीश को केस फाइलों को पढ़ना पड़ता है. कार्य दिवसों पर निर्णय सुरक्षित रखे जाते हैं. शनिवार को, हर न्यायाधीश बैठता है और निर्णय सुनाता है. रविवार को हम सभी सोमवार के लिए सूचीबद्ध मामले पढ़ते हैं. इसलिए, बिना किसी अपवाद के, प्रत्येक एससी न्यायाधीश सप्ताह में सातों दिन काम करता है.
इस साल 1,170 मामलों को निपटाया गया
एससी रजिस्ट्री ने टीओआई को बताया कि 2023 और 2024 में लगभग 2,261 और 4,160 मामले छुट्टियों में पीठों के समक्ष सूचीबद्ध किए गए थे. इस साल गर्मी की छुट्टियों के दौरान 1,170 मामलों को निपटाया गया है. 2017 के आंकड़ों की तुलना में यह तीन गुना ज्यादा है. बता दें कि, 2023 की गर्मियों की छुट्टी में, सुप्रीम कोर्ट ने 751 मामलों का निपटारा किया था. इसके अलावा, इस साल गर्मी की छुट्टियों के दौरान अवकाश पीठों ने 1,157 मामलों में नोटिस जारी किए हैं.