Year Ender 2024: स्मृति ईरानी से लेकर महबूबा मुफ्ती तक... लोकसभा चुनावों में देखने को मिले बड़े उलटफेर
2024 के लोकसभा चुनाव में 'अबकी बार, 400 पार' का नारा साकार नहीं हो सका और बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई. बीजेपी का कई सीटों पर प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा. उसके कई मंत्री चुनाव हार गए
2019 के लोकसभा चुनाव में 303 जीतने वाली भाजपा 2024 के आम चुनाव में 240 सीटों तक ही सिमट कर रह गई. इसके बाद बीजेपी को सरकार बनाने के लिए जेडीयू और टीडीपी जैसे सहयोगियों का साथ लेना पड़ा. बीजेपी को उसके गढ़ों में भी हार का मुंह देखना पड़ा.
भाजपा के प्रदर्शन में उन लोकसभा सीटों पर हार का सामना करना पड़ा, जहां पहले उसका दबदबा था. पार्टी ने 50% या उससे अधिक वोट शेयर के साथ केवल 155 सीटें जीतीं, जो 2019 में 224 सीटों से काफी कम है. हालांकि, भाजपा ने अभी भी अपनी बढ़त बनाए रखी है और 64% जीत बड़े अंतर से हासिल की हैं.
2024 के चुनावों में कई हाई-प्रोफाइल सीटों पर मिली पार्टियों को हार
अमेठी: भाजपा की मौजूदा सांसद स्मृति ईरानी कांग्रेस के दिग्गज नेता केएल शर्मा से 1,67,196 से अधिक मतों से हार गईं, स्मृति ईरानी की हार के बाद कांग्रेस ने अपने गढ़ को वापस हासिल कर लिया.
तिरुवनंतपुरम: भाजपा के मंत्री राजीव चंद्रशेखर कांग्रेस सांसद शशि थरूर से 16,000 मतों से हार गए.
तमिलनाडु: भाजपा के राज्य प्रमुख के. अन्नामलाई को डीएमके के गणपति राजकुमार ने 1,18,068 से अधिक मतों से हराया.
जम्मू और कश्मीर: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की महबूबा मुफ्ती नेशनल कॉन्फ्रेंस के मियां अल्ताफ अहमद से 2.81 लाख मतों से हार गईं, जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला को स्वतंत्र उम्मीदवार अब्दुल राशिद शेख ने 2 लाख से अधिक मतों से हराया.
झारखंड: भाजपा के मंत्री अर्जुन मुंडा कांग्रेस के काली चरण मुंडा से 1,49,675 मतों से हार गए.
पश्चिम बंगाल: कांग्रेस के दिग्गज नेता अधीर रंजन चौधरी को उसी पार्टी के यूसुफ पठान ने 85,000 से अधिक मतों से हराया.
हरियाणा: कांग्रेस के राज बब्बर गुड़गांव में भाजपा के राव इंद्रजीत सिंह से 75,000 मतों के अंतर से हार गए.
उत्तर प्रदेश: भाजपा उम्मीदवार मेनका गांधी सुल्तानपुर सीट पर समाजवादी पार्टी के रामभुआल निषाद से 43,174 मतों से हार गईं.
छत्तीसगढ़: कांग्रेस के पूर्व सीएम भूपेश बघेल बीजेपी के संतोष पांडे से 44 हजार से ज्यादा वोटों से हारे.
सहयोगी दलों का फिर से साथ आना.
लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने टीडीपी और जेडीयू के साथ गठबंधन किया. लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद बीजेपी को दोनों सहयोगियों की जरूरत पड़ी. क्योंकि बीजेपी का प्रदर्शन 2014 और 2019 के मुकाबले बेहद खराब रहा है. बीजेपी को सबसे बड़ी हार का सामना उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में करना पड़ा.